जयपुर। कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करियर को लेकर बड़ा बयान दिया है। दिग्विजय सिंह ने कहा, ''कौन है नरेन्द्र मोदी ? आज से दस साल बाद लोग ये सवाल पूछेंगे। उनका करियर ढलान पर है। आज से दस साल बाद उन्हें कोई नहीं जानेगा।'' दिग्विजय ने ये बात एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान कही। दिग्विजय से इंटरव्यू के दौरान पूछा गया था कि क्या आपको वो समय याद है, जब मध्यप्रदेश में कांग्रेस की ओर से आप इकलौता और सबसे बड़ा नाम थे। इसी सवाल के जवाब में दिग्विजय ने उक्त बातें कही।
दिग्विजय ने कहा, 'आप भाजपा की बात कर लीजिए. भाजपा के घोषणापत्र के कर्ताधर्ता मुरली मनोहर जोशी ने बातों-बातों में अपनी नाराजगी जाहिर की और उनके चार सालों के काम को अपने एक वाक्य में बांध दिया है। जब जोशी से पूछा गया था कि मोदी सरकार के चार सालों को आप कितने नंबर दोगे तो जवाब मिला की उनकी कॉपी खाली है इस पर क्या नंबर दूं।
दिग्विजय ने कहा की मोदी की कुछ नीतियों और फैसलों से उनके करीबी भी नाराज चल रहे है। मोदी जी के बढ़े समर्थक माने-जाने वाले अरूण शौरी और प्रवीण तोगड़िया मोदी जी नाराज हैं। लाल कृष्ण आडवाणी की स्थिति तो पार्टी में बहुत खराब है मोदी जी उनकी ओर ठीक से देखते तक नहीं है। आने वाले समय में मोदी जी की पहचान नहीं रहेगी उन्हें कोई नहीं जानेगा।
दिग्विजय ने राम मंदिर को लेकर देश में चलने वाली राजनीति पर कहा है कि अगर आप तलाश करोगे तो भी मुझसे बड़ा धार्मिक व्यक्ति आपको बीजेपी में नहीं मिलेगा। 1992 में विश्व हिन्दू परिषद् ने अयोध्या में उस ढ़ांचे को गिराया था, जहां भगवान श्रीराम की पूजा होती थी। नमाज तो नहीं पढ़ी जा रही थी। गुरू गोलवलकर जी ने राम को अवतार नहीं माना है, उन्होंने आदर्श मना है। दिग्विजय ने कहा है कि ये आर्य समाज के लोग हैं, मैं सनातनी हूं और इस बात का विरोध करता हूं कि ये लोग नारा जय श्री राम का क्यों लगाते है, सीता जी को क्यों भूल जाते है। ये धार्मिक नहीं। ये धर्मान्धता फैलाते है।