हिंदू लड़की ने मुस्लिम लड़के से की थी शादी, मरने के बाद मंदिर वालो ने नहीं करने दिया श्राद्ध
नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। कोलकाता निवासी मोहम्मद इम्तियाजुर रहमान को दिल्ली में अपनी हिंदू पत्नी का श्राद्ध करने के लिए काफी परेशान होना पड़ रहा है। पिछले सप्ताह इम्तियाज़ुर रहमान की पत्नी निवेदिता घातक रहमान बीमार थी जिसके बाद उनकी मौत हो गई। जिसके बाद परिवार ने उसका अंतिम संस्कार उसी दिन निगम बोध घाट पर किया। लेकिन निवेदिता का परिवार अब श्राद्ध के लिए इधर-उधर भटक रहा है। क्योंकि मंदिर समिति ने उनके श्राद्ध की बुकिंग को यह कह कैंसिल कर दिया है कि मुस्लिम से शादी के बाद महिला हिन्दू नहीं रही इसलिए उनको श्राद्ध की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
मूलरूप से कोलकाता के रहने वाले इम्तियाजुर वाणिज्यिक करों के निदेशालय में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि पत्नी की मौत के बाद पत्नी की श्राद्ध समारोह के चितरंजन पार्क के बंगाली डॉमिनेट काली मंदिर में 12 अगस्त के लिए स्लॉट बुक कराया था। इसके लिए उन्होंने 6 अगस्त को बुकिंग के दौरान 1300 रुपए भी दे दिए थे। लेकिन बाद में उनको बताया गया कि मंदिर सोसायटी ने कुछ कारणों से उनकी बुकिंग रद्द कर दी है।
मंदिर समाज के अध्यक्ष आशीताव भौमिक ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि रहमान की बुकिंग कई कारणों की वजह से रद्द की गई है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो रहमान ने अपनी पहचान छिपाई और बुकिंग में अपने बेटी इहिनी अंबरीन की नाम लिखवाया जो कि अरबी या मुस्लिम की तरह नहीं लगता है। भौमिक ने कहा कि हमें उनके धर्म के बारे में तब पता चला जब एक पुजारी ने उनके गोत्र के बारे में पूछा।
भौमिक ने कहा कि वंशावली जो हिंदू वंश का निर्धारण करने में एक महत्वपूर्ण कारक है। जाहिर उनके पास कोई जवाब नहीं था। क्योंकि मुसलमान गोत्र प्रणाली का पालन नहीं करते हैं। मुस्लिम से शादी करने के बाद उनकी पत्नी को हिंदू नहीं माना जा सकता है क्योंकि एक महिला अपने ससुराल वालों के उपनाम और समाज को अपनाने में विश्वास रखती। हालांकि जानकारी के मुताबकि इस परिवार को एक सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था की मदद मिली। जिसने मृतक महिला का श्राद्ध कराने की पेशकश की है।