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इन 5 वजहों से स्व‍िस बैंकों में अपना पैसा छुपाते हैं भारतीय

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 5:56 AM GMT
इन 5 वजहों से स्व‍िस बैंकों में अपना पैसा छुपाते हैं भारतीय
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मोदी सरकार लगातार स्विस बैंकों में अवैध तरीके से छुपाए गए भारतीयों के काले धन को वापस देश लाने के लिए प्रयास कर रही है. इसके बावजूद भारतीयों का स्विस बैंकों में जमा धन चार साल में पहली बार बढ़ कर पिछले साल एक अरब स्विस फ्रैंक (7,000 करोड़ रुपए) के दायरे में पहुंच गया.

जब भी काले धन की बात होती है, तो सबसे पहले स्व‍िस बैंक का नाम दिमाग में आता है. और ऐसा होने की खास वजह भी है. दुनिया में स्व‍िस बैंकों में पैसा रखना सबसे सुरक्ष‍ित माना जाता है. हालांकि कुछ लोग यहां खाता खोलकर अवैध तरीके से काला धन भी खपाते हैं. आगे जानें क्यों स्व‍िस बैंक माने जाते हैं सबसे सुरक्ष‍ित.

सीक्रेसी

स्व‍िस बैंकों में पैसा रखना इसलिए सबसे सुरक्ष‍ित माना जाता है क्योंकि यहां आपकी डिटेल गुप्त रखी जाती है. पिछले 300 सालों से स्व‍िस बैंकों ने इस नियम को तोड़ा नहीं है.

भले ही अब स्विट्जरलैंड ने भारत समेत कई बैंकों के साथ अपने क्लाइंट्स की जानकारी साझा करने के लिए कानून बना लिया है, लेक‍िन फिर भी यहां सीक्रेसी बनाए रखने की हर कोश‍िश होती है.

स्व‍िस बैंक अपने क्लाइंट के अकाउंट की जानकारी तब ही दूसरे देश के साथ साझा करते हैं, जब ऐसा अदालत का आदेश हो या फिर इसके लिए कोई कानून बनाया गया हो.

बैंक कर्मचारियों को भी नहीं होता पता: स्व‍िस बैंकों को इनके 'नंबर्ड अकाउंट्स' के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है. ये ऐसे खाते होते हैं, जिनकी जानकारी बैंक के शीर्ष मैनेजमेंट के अलावा किसी को नहीं होती है.

नंबर्ड अकाउंट्स की खासियत यह होती है कि आपके अकाउंट की पहचान आपके नाम से नहीं, बल्क‍ि कुछ अंकों के समूह से होती है. आपके सभी लेन-देन उस अंक के समूह से ही की जाती है.

खाता धारक कौन है, इसकी जानकारी सिर्फ बैंक के शीर्ष अध‍िकारियों को होती है. हालां‍क‍ि यह खाता खुलवाने के लिए आपको काफी ज्यादा चार्ज चुकाने पड़ते हैं और नंबर्ड अकाउंट खुलवाना काफी महंगा होता है.

सार्वजन‍िक तौर पर नहीं कर सकेत जाहिर: स्विट्जरलैंड बैंकिंग लॉ, 1934 में यह प्रावधान किया गया है कि बैंक का कोई भी कर्मचारी अपने क्लाइंट्स के खातों की जानकारी लीक नहीं कर सकता है. ऐसा करना कानूनन अपराध होगा.

भारत भी नहीं कर सकता भारत के साथ खाताधारकों की जानकारी साझा करने के लि‍ए भले ही स्व‍िट्जरलैंड ने संध‍ि कर ली है, लेकिन इसके बाद भी भारत इनकी जानकारी सार्वजन‍िक नहीं कर सकता. इसके साथ ही इस जानकारी को सिर्फ टैक्स वसूलने की खातिर इस्तेमाल किया जा सकेगा, न कि आपराधिक मामलों के लिए.

सबसे ज्यादा सुरक्ष‍ित स्व‍िस बैंकों में पैसा रखने का एक बड़ा कारण यहां की मजबूत इकोनॉमी भी है. डिपोजिटर जानता है कि इन बैंकों में रखे उनके पैसे कभी नहीं डूबेंगे. क्योंकि इनकी सुरक्षा के लिए कई कड़े कानून बनाए गए हैं.

स्व‍िट्जरलैंड के 5 बड़े बैंक स्व‍िट्रजरलैंड के 5 बड़े बैंकों की बात करें, तो इसमें यूनियन बैंक ऑफ स्विट्जरलैंड (यूबीएस), क्रेडिट सुइस ग्रुप, बैंक जुलियस बेयर, पिक्‍टेट एंड सीइ और कैंटोनल बैंक्‍स शामिल है.

Aaryan Dwivedi

Aaryan Dwivedi

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