मध्यप्रदेश

लोकसभा चुनाव : दिग्विजय सिंह ने नामांकन दाखिल किया, कहा- 'हिन्दुत्व' शब्द मेरी डिक्शनरी में नहीं

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:06 AM GMT
लोकसभा चुनाव : दिग्विजय सिंह ने नामांकन दाखिल किया, कहा- हिन्दुत्व शब्द मेरी डिक्शनरी में नहीं
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भोपाल. भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने कलेक्टाेरेट में नामांकन दाखिल किया। नामांकन के दौरान उनके साथ पत्नी अमृता सिंह, बेटा जयवर्धन सिंह, मंत्री पीसी शर्मा मौजूद रहे। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिग्विजय ने कहा कि हिन्दुत्व शब्द मेरी डिक्शनरी में शामिल नहीं। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से ही सवाल पूछ लिया। कहा- आप लोग क्यों हिन्दुत्व शब्द का इस्तेमाल करते हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा, "हमारी कोशिश होगी कि भोपाल एक ग्लोबल सिटी हो, जहां हम दुनियाभर से रोज़गार अपने यहां ला सकें।"

असल में, नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के उस सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें पूछा गया कि वह हिन्दुत्व आतंकवाद पर क्या कहेंगे। इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि इस बारे में आपको अमित शाह से पूछना चाहिए। जिन्होंने आरके सिंह को भाजपा में शामिल कर लिया, जो तत्कालीन गृह सचिव थे और उन्होंने हिन्दू आतंकवाद की बात कही थी।

दिग्विजय सिंह, जब नामांकन के लिए चले तो उनके साथ समर्थकों का भारी हुजूम भी कलेक्टोरेट पहुंचा, यहां पर पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग के जरिए बाहर ही रोक दिया। इससे पहले दिग्विजय सिंह पत्नी अमृता सिंह के साथ झरनेश्वर मंदिर पहुंचे, जहां पर उन्होंने अपने गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती से मिले, उनका आशीर्वाद लिया और विशेष पूजा-अर्चना की। इसके बाद आधे घंटे तक उनसे अकेले में चुनावी रणनीति पर चर्चा की। इस मौके पर दिग्विजय सिंह ने चुनाव के मुद्दे पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सुबह ही ट्वीट करके शनिवार को नामांकन भरने की सूचना देते हुए भोपाल के लोगों से नए आगाज और सकारात्मक परिवर्तन के लिए आशीर्वाद मांगा है। साथ ही उन्होंने वादा किया है कि आपकी हिस्सेदारी, सदैव मेरी जिम्मेदारी होगी।

सौहार्द के सांचे में विकास को बुनने की अपील दिग्विजय सिंह ने एक और ट्वीट में कहा, "भोपाल की यही खूबसूरती है। संभाव का तानाबाना इसकी पहचान है। ऐसी पहचान जो पुरखों ने विरासत के रूप में हमें सौंपी है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस विरासत को सहेजें, पोषित करें और सौहार्द्र के सांचे में विकास को बुनें। विकास की दौड़ में हमारी संस्कृति, हमारी पहचान धूमिल न हो जाए।"

Aaryan Dwivedi

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