मध्यप्रदेश

रीवा नगर निगम में भूचाल, पार्षदों पर मंडराया संकट, नोटिस जारी, जानिए वजह...

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:10 AM GMT
रीवा नगर निगम में भूचाल, पार्षदों पर मंडराया संकट, नोटिस जारी, जानिए वजह...
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रीवा | मेयर इन काउंसिल के पार्षदों के निलंबन प्रस्ताव पर कमिश्नर रीवा संभाग रीवा ने भी नोटिस जारी कर दिया है। प्रभारी महापौर सहित 9 पार्षदों को अनियमितता का आरोप लगने पर नोटिस थमाया गया है। सभी से 1 महीने के अंदर नोटिस का जवाब कमिश्नर ने मांगा है।

नगर निगम में भूचाल, पार्षदों पर मंडराया संकट नगर निगम की एमआईसी पर संकट मंडराने लगा है। पहले मेयर इन काउंसिल के कार्यों पर नगर निगम कमिश्नर ने सवाल खड़े किए थे और सब को नोटिस जारी किया था। इतना ही नहीं पार्षदों के निलंबन आदेश और एमआईसी को भंग करने का ही प्रस्ताव कमिश्नर रीवा संभाग के पास भेज दिया था। इस प्रस्ताव को कमिश्नर रीवा द्वारा संज्ञान में लिया गया है।

सभी आरोपों को आधार बना कर प्रभारी मेयर सहित पार्षदों को नोटिस थमा दिया है। नोटिस में अनियमितता और ननि को आर्थिक क्षति पहुंचाने की बात कही गई है। इसके अलावा स्कीम नंबर 6 में की गई कार्रवाई और बैठक पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। कमिश्नर की कार्रवाई ने ननि में भूचाल ला दिया है। इसे बदले की कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है।

इन पार्षदों को भेजा गया नोटिस

  • सतीश सिंह वार्ड क्रमांक 9,
  • मनीष श्रीवास्तव वार्ड 31,
  • व्यंकटेश पाण्डेय वार्ड 25,
  • ललिता वर्मा वार्ड क्रमांक 19,
  • शिवदत्त पाण्डेय वार्ड क्रमांक 7,
  • संजू कोल वार्ड क्रमांक 4,
  • नीरज पटेल वार्ड क्रमांक 44,
  • संजना सोनी वार्ड क्रमांक 35,
  • अखिल गुप्ता वार्ड क्रमांक 41 को नोटिस जारी किया गया है। सभी पार्षदों को एक महीने की मोहलत दी गई है।

पक्ष और विपक्ष दोनों का मामला कमिश्नर के पास भाजपा सरकार में कांग्रेसी पार्षदों के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव कमिश्नर के पास पहुंचा था। नेता प्रतिपक्ष की पार्षदी खत्म करने का प्रस्ताव भेजा गया था। प्रकरण अभी चल रहा है। सरकार बदलते ही भाजपा के पार्षदों का भी मामला कमिश्नर के पास पहुंच गया है। इन्हें भी नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया गया है। अब दोनों दलों के पार्षदों के भविष्य का फैसला कमिश्नर के हाथों में ही है।

यह है आरोप कमिश्नर ने पार्षदों को कई बिंदुओं के आधार पर नोटिस जारी किया है। ननि में हुई अनियिमतता के लिए एमआईसी को दोषी माना गया है। इसमें कहा गया है कि ननि में वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में निगम सीमा क्षेत्र में स्थित भवन/भूमि जिन पर सम्पत्तिकर उदगृहणीय है पर बकाया सम्पत्तिकर एवं बकाया सम्पत्तिकर पर देय अधिभार की राशि में मेयर इन काउंसिल के संकल्प क्रमांक 3 दिनांक 13 जनवरी 2015 एवं संकल्प क्रमांक तीन 19 जुलाई 2016 के निर्णय के आधार पर 6 फीसदी की छूट प्रदान की जाकर ननि को आर्थिक क्षति पहुंचाई है।

ननि की लेनदारियों जो हितग्राहियों द्वारा समय पर नहीं दी जाती है उन पर आरोपित 18 प्रतिशत ब्याज वसूलने के विपरीत उन्हें 9 फीसदी की छूट दी गई। वित्तीय वर्ष 2015-16 में अम्बेडकर बाजार के पीछे एवं शिल्पी प्लाजा ब्लाक ए एवं बी के पीछे वाहन पार्किंग शुल्क वसूली प्रीमियम का निर्धारण कम किए जाने से निगम को क्षति हुई। महापौर परिषद द्वारा पारित संकल्पों के लगभग सभी मामलों में अल्पकालिक निविदा बुलाने का निर्णय करते समय कार्य की आकस्मिकता व अल्पकालिकता निविदा बुलाने के कारणों का उल्लेख नहीं किया गया, जबकि नियमों के प्रावधानों के अनुसार ऐसा किया जाना वांछनीय था।

जिन मामलों में एक से अधिक निविदाएं प्राप्त हुई उनकी दर एकल निविदा से प्राप्त दरों की तुलना में लाभकारी होना परिलक्षित हुआ। यदि निविदा प्रक्रिया में निर्धारित समय दिया जाता तो स्पर्धात्मक दरें प्राप्त होती, जो निकाय के लिए लाभकारी होता। इसके अलावा स्कीम नंबर 6 की भूमि और एमआईसी की नियम विरुद्ध बैठक को भी नोटिस का कारण माना है।

ननि अधिनियम के तहत जो प्रावधान है, उसके तहत 9 लोगों को नोटिस जारी किया गया है। ननि को आर्थिक क्षति पहुंचाने का मामला है। जवाब आने के बाद ननि के अधिनियम के तहत जो भी विभिन्न धाराओं के तहत जोभी है कार्रवाई की जाएगी। डॉ अशोेक कुमार भार्गव, कमिश्नर, रीवा संभाग रीवा

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