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मध्यप्रदेश : मोदी और शाह करेंगे उम्मीदवारों के नाम फाइनल, इन नेताओं के टिकट कांटने की तैयारी
भोपाल। भाजपा ने अपने 75 पार नेताओं पर गाज गिराने की तैयारी पूरी कर ली है। भाजपा के अंदरखाने से खबर आ रही है कि पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और सरताज सिंह का टिकट काट दिया गया है। बाबूलाल गौर की जगह उनकी पुत्रवधू को मैदान में उतारने पर चर्चा हो रही है। हालांकि मुख्यमंत्री की ओर से भोपाल के मेयर आलोक शर्मा का नाम आगे बढ़ाया गया है। ऐसे में कृष्णा गौर पर भी संशय बना हुआ है। दूसरी ओर सरताज सिंह का नाम भी दावेदारों की सूची से बाहर कर दिया गया है। हालांकि पन्ना से विधायक और प्रदेश सरकार की मंत्री कुसुम महदेले पर संशय बना हुआ है। उनका नाम अब भी दावेदारी में बना हुआ है। लोध वोटों को प्रभावित करने की क्षमता को देखते हुए भाजपा के भीतर उनके नाम पर एक राय नहीं बन पा रही है। ऐसे में संभावना है कि कुसुम महदेले को पहली सूची से बाहर रखा जा सकता है।
मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस बार 75 पार का फार्मूला लागू करने की तैयारी कर ली गई है। इसमें सबसे पहले 88 की उम्र पार कर चुके पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का नाम शामिल हो सकता है। इनके साथ ही पूर्व वन एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री सरताज सिंह का भी नाम सामने आ सकता है। यह दोनों ही दिग्गज नेता पार्टी से किनारे चल रहे हैं। इन्हें तवज्जो नहीं मिलने के कारण दोनों ही नेताओं के अक्सर पार्टी विरोधी बयान आते रहते हैं।
गौर बोले बहू को टिकट मिला तो नहीं लड़ूंगा इधर, एक चैनल को दिए इंटरव्यू में बाबूलाल गौर ने कहा है कि मेरी बहू को यदि टिकट मिलता है तो मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि मेरी बहू मेरी राजनीतिक उत्तराधिकारी नहीं है। गौर ने कहा कि चुनाव लड़ने या न लड़ने को लेकर मैंने अपना पक्ष रख दिया है।
गोविंदपुरा से कर चुके हैं दावा इससे पहले भोपाल में हुई रायशुमारी में पूर्व मुख्यमंत्री एवं गोविंदपुरा विधानसभा सीट से विधायक बाबूलाल गौर ने फिर से अपना दावा पेश किया था। साथ ही उन्होंने अपनी पुत्र-वधू पूर्व महापौर कृष्णा गौर का नाम भी पैनल में जुड़वा दिया था।
गौर ने कहा था मैं तो चुनाव लड़ूंगा इससे पहले पार्टी से दरकिनार कर दिए गए बाबूलाल गौर कई मोर्चों पर कांग्रेस पार्टी की तारीफ करते हुए नजर आए। इसके साथ ही उन्होंने कई बार चुनाव लड़ने की बात कही है। पिछले साल सितंबर में उन्होंने एक बयान देकर राजनीति में हलचल मचा दी थी। गौर ने कहा था कि मैं तो चुनाव लड़ूंगा। इसके साथ ही उन्होंने यौन शोषण के आरोपी पूर्व वित्तमंत्री राघवजी और व्यापमं घोटाले में फंसे पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को भी पार्टी में वापस लेने की वकालत कर कहा था कि हम तीनों ही विनिंग कैंडिडेट हैं। गौर ने यह भी कहा था कि हम तीनों को ही टिकट देना भाजपा की मजबूरी है।
सरताज सिंह भी कर चुके हैं दावेदारी पेश पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं मध्यप्रदेश के मंत्री रहे सरताज सिंह भी थोड़े दिन पहले चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। उन्होंने 70 पार का फार्मूले का सवाल उठाते हुए कहा था कि 70 का फार्मूला न पहले था न इस बार होगा। पार्टी सर्वे में मेरा नाम है, इसलिए मुझे टिकट मिलना चाहिए। मैं चुनाव लड़ने को तैयार हूं। सरताज सिंह पिछले दिनों चर्चाओं में आ गए थे जब उन्होंने कहा था कि मध्यप्रदेश में बगैर घूस दिए कोई काम ही नहीं होता है।
आज शाम को हो जाएगा तय उधर, दिल्ली में गुरुवार को चल रही चुनाव समिति की बैठक में 75 पार के उम्मीदवारों को टिकट देने या नहीं देने पर भी चर्चा चल रही है। सूत्रों के मुताबिक ऐसे संकेत मिल रहे हैं जिसमें इन दिग्गजों के टिकट कांटे जा सकते हैं। हालांकि आज शाम को तय हो जाएगा कि 75 पार का फार्मूला चला या नहीं।