मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश को तोड़कर बनेगा एक नया प्रदेश? जानें क्या हैं यहां की खास बातें...: REWA NEWS

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:12 AM GMT
मध्यप्रदेश को तोड़कर बनेगा एक नया प्रदेश? जानें क्या हैं यहां की खास बातें...: REWA NEWS
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रीवा. देश में एक अलग राज्य बनने की मांग उठ रही है। मध्यप्रदेश के सतना जिले की मैहर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने मांग की है कि विंध्य को मध्यप्रदेश से अलग करके एक नया राज्य बनाना चाहिए। बता दें कि लंबे समय से मध्यप्रदेश में विंध्य क्षेत्र बनाने की मांग उठ रही है। विधायक नारायण त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक लेटर लिखा है। उन्होंने इस लेटर में नया विंध्य प्रदेश बनाने की मांग उठाई है।

क्या कहा नारायण त्रिपाठी ने ? उन्होंने कहा कि विधानसभा के अगले सत्र में वो प्रस्ताव लेकर आएंगे की मध्यप्रदेश को अलग कर विंध्य प्रदेश का निर्माण किया जाए। उन्होंने कहा कि विंध्य पहले से ही एक प्रदेश था बाद में मध्यप्रदेश में उसका विलय किया गया था। छत्तीसगढ़ अलग हुआ तो उसका विकास हुआ लेकिन विंध्य क्षेत्र का आज तक विकास नहीं हुआ है। हम मुख्यमंत्री से यह मांग करते हैं कि विंध्य क्षेत्र को मध्य प्रदेश से अलग किया जाए और उसे एक स्वतंत्र प्रदेश घोषित किया जाए। विंध्य क्षेत्र से आने वाले सभी विधायक और सांसद को हम लोगों ने लेटर लिख दिया है ताकि वहां के लोग अब एक हो जाएं और विंध्य क्षेत्र को एक प्रदेश के रूप में विकसित कर पाएं। आज विंध्य क्षेत्र के पास अच्छे अस्पताल और उद्योग नहीं हैं।

क्या है विंध्य प्रदेश का इतिहास मध्यप्रदेश के गठन से पहले विंध्य प्रदेश था। विंध्य प्रदेश, भारत का एक भूतपूर्व प्रदेश था जिसका क्षेत्रफल 23,603 वर्ग किमी तक फैला था। आजादी के बाद सेन्ट्रल इण्डिया एजेन्सी के पूर्वी भाग के रियासतों को मिलाकर 1948 में इस राज्य का निर्माण किया गया था। उस समय विंध्य प्रदेश की राजधानी रीवा थी। विंध्य क्षेत्र पारंपरिक रूप से विंध्याचल पर्वत के आसपास का पठारी भाग को कहा जाता है। 1948 में भारत की स्वतंत्रता के बाद मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ में स्थित कुछ रियासतों को मिलाकर विंध्य प्रदेश की रचना की गई थी।

आजादी के बाद रीवा स्टेट विंध्य प्रदेश के रूप में अस्तित्व में आया। एक ऐसा प्रदेश जो प्राकृतिक और ऐतिहासिक संपदाओं से परिपूर्ण था। 1952 में पहली बार विंध्य प्रदेश की विस का गठन किया गया। चार साल तक अस्तित्व में रहे इस प्रदेश के विलय का फरमान भी सरकार ने जारी कर दिया। स्थानीय स्तर पर विरोध शुरू हुआ, आंदोलन छेड़े गए। विंध्य प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पंडित शंभुनाथ शुक्ला थे, जो शहडोल के रहने वाले थे।

विंध्य प्रदेश की खास बातें 1. मार्च 1948 में हुआ था गठन 2. 1956 में मध्यप्रदेश में विलय हुआ 3. मध्यप्रदेश में कुल खनिज उत्पादन का 40 फीसदी विंध्य में 4. मध्यप्रदेश में सीमेंट उत्पादन का 70 फीसदी विंध्य का

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