मध्यप्रदेश

पहली बार अदालत पंहुचा कोरोना वायरस का CASE, मध्यप्रदेश के वकील ने दायर की देश की पहली याचिका

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:14 AM GMT
पहली बार अदालत पंहुचा कोरोना वायरस का CASE, मध्यप्रदेश के वकील ने दायर की देश की पहली याचिका
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खंडवा. कोरोना वायरस के बढ़ते खौफ को देखते हुए वायरस की रोकथाम के लिए प्रदेश में पहली जनहित याचिका शनिवार को खंडवा न्यायालय में पेश की गई। अधिवक्ता देवेंद्र सिंह यादव और विनम्र गंगराड़े ने स्थाई लोक अदालत लोकोपयोगी सेवा विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायालय में जिला कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी के विरुद्ध याचिका लगाई। इसमें याचिकाकर्ताओं ने अपना तर्क देते हुए कहा कोरोना वायरस का प्रकोप लगाता बढ़ रहा है। देश में अब तक करीब 34 मरीज सामने आ चुके हैं। ऐसे में खंडवा में रेलवे जंक्शन है। यहां से रोजाना हजारों यात्री आवागमन करते हैं। इसके अलावा शहर की साफ-सफाई अभी भी उत्तम श्रेणी की नहीं है। इस कारण कोरोना वायरस शहर में प्रवेश करने की संभावना बढ़ती है। इसकी रोकथाम के लिए अग्रिम उचित कदम उठाए जाना चाहिए। उन्होंने याचिका में कहा जिला अस्पताल में दक्ष व योग्य चिकित्सक, स्टाफ को कोरोना वायरस रूपी बीमारी के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाए। साथ ही शहर में इस बीमारी से बचाव और रोकथाम के उचित जानकारी का लोगों के बीच प्रचार-प्रसार कराया जाए। नागरिकों को नि:शुल्क मास्क उपलब्ध कराए जाएं। अस्पताल में वायरस से संबंधित जांच मशीनें सहित अन्य उपकरणों की व्यवस्था कराई जाए। इसके अलावा शहर में विशेष साफ-सफाई की व्यवस्था हो और वायरस के संबंध में फैल रही अफवाहों को रोकने के लिए लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए। मामले में याचिकाकर्ता का पक्ष सुन लोकोपयोगी सेवा के सचिव व न्यायाधीश बीएल प्रजापति ने याचिका स्वीकार की। वहीं याचिका पर आगामी सुनवाई की तारीख 28 मार्च दी

कोरोना वायरस के खौफ के चलते स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर रखने के लिए जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टॉफ की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। आगामी आदेश तक डॉक्टर व नर्सिंग स्टॉफ छुट्टी नहीं ले सकेगा। इसके अलावा अस्पताल आने वाले सर्दी, खांसी और जुखाम वाले मरीजों की बारीकि से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। उक्त मरीजों के सेंपल लेकर जांच की जा रही है। इधर, रेलवे जंक्शन पर भी कोरोना वायरस को लेकर सावधानी बरतने की रेलवे स्टॉफ को सलाह दी गई। साथ ही स्टेशन व ट्रेनों से आवाजाही करने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए कॉल पर डॉक्टर तैनात किए गए। ट्रेन और प्लेटफॉर्म पर यात्री को डॉक्टर की जरूरत पड़ते ही डिप्टी एसएस के कॉल पर उक्त डॉक्टर तुरंत चेकअप के लिए पहुंचेंगे। हालांकि जिले में अब तक कोरोना वायरस का कोई संदिग्ध मरीज भी नहीं मिला है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग वायरस को लेकर सतर्क बना हुआ है।

टाइवैक सूट नहीं, पीपीई किट पहन कर रहे जांच कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों का उपचार करने डॉक्टर्स और स्टाफ को टाइवैक सूट पहनना अनिवार्य है। ताकि वायरस के संक्रमण से बचा जा सके, लेकिन इस समय जिला अस्पताल में टाइवैक सूट उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि अस्पताल के जिम्मेदारों का कहना है कि टाइवैक सूट आने तक पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (पीपीई) किट पहनकर संदिग्ध मरीज का इलाज किया जा सकता है। इलाज के लिए टेमीफ्लू कैप्सूल भी उपलब्ध है। साथ ही स्टाफ के लिए एन-95 मास्क, ट्रिपल लेयर मास्क भी अस्पताल में हैं।

रेलकर्मियों को सावधानी बरतने के निर्देश

इधर, रेलवे स्टेशन पर कोरोना वायरस को लेकर ड्यूटी पर तैनात रेलकर्मियों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए। टिकट बुकिंग काउंटर पर मौजूद कर्मियों को काउंटर पर भीड़ होने पर छींखते, खांसते समय मुंह पर रूमाल रखने और यात्रियों को समझाइश देने की बात कही गई। साथ ही ट्रेन में ड्यूटी पर तैनात टीटीई सहित अन्य स्टॉफ को मास्क पहनने की सलाह दी गई। इसके अलावा कोरोना वायरस को लेकर मोबाइल की कॉलरटोन पर भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। फोन लगाने पर पहले कोरोना वायरस से बचने और सावधान रहने का संदेश दिया जा रहा है। वर्जन...

स्टेशन परिसर में कॉल पर डॉक्टर तैनात हैं। यदि किसी यात्री को जरूरत पड़ती है तो डॉक्टर तुरंत मौके पर पहुंचकर चेकअप करेंगे। वहीं स्टॉफ को वायरस से बचने के लिए आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है। जीएल मीणा, स्टेशन प्रबंधक, खंडवा

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