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नवाब संपत्ति बंटवारा: 48 साल पुराने मामले में चार सप्ताह में आ सकता है फैसला : BHOPAL NEWS
भोपाल। Bhopal Nawab Property Dispute Case: भोपाल रियासत के नवाब हमीदुल्ला खान की शहर और आसपास करीब 1500 एकड़ जमीन और पैलेसों के बंटवारे का फैसला चार सप्ताह में हो सकता है। 1972 से चले आ रहे नवाब संपत्ति विवाद के मामलों को मर्ज कर दिया है। पूरा मामला अब अंतिम बहस के लिए लंबित है। 28 मार्च को अंतिम बहस होने के बाद मामले में फैसला हो सकता है।
नवाब संपत्ति से जुड़ा प्रदेश का यह पहला मामला होगा, जिसमें संपत्ति के वारिसों को मालिकाना हक दिया जाएगा। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि अब ना तो मामले में कोई नई याचिका दायर की जा सकेगी और ना ही कोई दावा लगा सकेगा। अब सिर्फ फैसले का इंतजार है। उधर, हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए शर्मिला टैगोर व सैफ अली खान की तरफ से अपना पक्ष रखने के लिए सरदार तैमूर खान को पॉवर ऑफ अटार्नी दे दी है।
बता दें कि वर्तमान में 2700 करोड़ से अधिक की नवाब संपत्ति भौतिक रूप से शर्मिला टैगोर व सैफ अली खान के संरक्षण में है। इसका अधिकांश रिकॉर्ड अहमदाबाद पैलेस, फ्लैग स्टॉफ हाउस, मोटर गैराज व रायसेन जिले के चिकलौद में था इसलिए अब इस रिकॉर्ड को खुर्द-बुर्द करने की आशंका है। ताकि रिकॉर्ड न मिलने की स्थिति में हिस्से ना हो पाए। अहमदाबाद पैलेस के सामने से विगत 18 फरवरी को नवाबकालीन दस्तावेजों से भरा जो ट्रक क्राइम ब्रांच ने पकड़ा था वह सरदार तैमूर खान के अहमदाबाद पैलेस कोहेफिजा स्थित निवास के पास से ही पकड़ा गया था। लिहाजा एंटीक्युटी एक्ट के तहत मामला भी दर्ज कर लिया गया है।
सालेहा सुल्तान के चार पुत्रों को बनाया पार्टी : सरदार तैमूर खान नवाब हमीदुल्ला खान की तीसरी बेटी राबिया सुल्तान के बेटे अकबर हसन खान के पुत्र हैं। इसके अलावा साजिदा सुल्तान की सबसे बड़ी पुत्री सालेहा सुल्तान की मौत के बाद उनके चार पुत्र (अमेर, साद, उमर व फैज बिन जंग) को भी मामले में पार्टी बनाने का फैसला किया गया है। इनका रिकॉर्ड भी अब संपत्तियों की फाइलों में चढ़ाया जाएगा। हालांकि अकबर हसन खान की याचिका निरस्त कर दी गई है।
सभी मामलों को किया मर्ज : 1972 से अब तक पिछले 48 साल से नवाब संपत्ति में मालिकाना हक संबंधी करीब पांच से अधिक याचिकाएं दर्ज की गई है। सभी को मर्जर कर एक फाइनल बहस के लिए केस तैयार कर दिया गया है। नवाब संपत्ति में शामिल होटल इंपीरियल सेबरे जहां नवाबकालीन समय में स्टॉफ क्वार्टर और टेनिस कोर्ट हुआ करता था।
शर्मिला टैगोर का नाम आयशा बेगम दर्ज : राबिया सुल्तान ने साजिदा सुल्तान की संपत्तियों पर अपना हक पेश करते हुए सन 2000 में संपत्ति के बंटवारे के लिए याचिका लगाई थी। इसी तरह नवाब हमीदुल्ला के बड़े भाई औबेदुल्ला खान की पत्नी बेगम सुरैया रसीद ने साजिदा सुल्तान के बाद आयशा बेगम (शर्मिला टैगोर) से नवाब संपत्ति पर अपना हक मांगने के लिए याचिका दायर की थी। इन दोनों मामलों में संयुक्त रूप से सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की जज अंजुली पालो ने दो मार्च को आदेश जारी किया। इसमें बिना किसी वजह के केस को लंबा ना खींचने के लिए कहा गया है। वहीं, चार सप्ताह में सभी मामलों की लिस्ट बनाकर अंतिम बहस कर फाइनल आर्डर सुनाने का फैसला सुनाया है।