मध्यप्रदेश

इस भाजपा नेता की जीत से खुश है कांग्रेस, अब बच सकती है एमपी सरकार

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:07 AM GMT
इस भाजपा नेता की जीत से खुश है कांग्रेस, अब बच सकती है एमपी सरकार
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भोपाल. कहते हैं सियासत में हार और जीत दोनों के ही मायने होते हैं। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की करारी हार हुई है। इस हार पर मंथन जारी है। प्रदेश की 29 सीटों में से कांग्रेस को एक सीट मिली है। कांग्रेस के लिए ये प्रदर्शन बेहद निराशाजनक है। लेकिन भाजपा की 28 सीटों में से एक ऐसी सीट है जहां जीती भाजपा पर पर इसका सीधा फायदा कांग्रेस को मिल सकता है। ये सीट है रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट।

कैसे हो सकता है कांग्रेस को फायदा मध्य प्रदेश के झाबुआ-रतलाम संसदीय सीट से बीजेपी के जीएस डामोर चुनाव जीते हैं। डोमार झाबुआ विधानसभा से विधायक भी हैं। डामोर को अब विधायक या सांसद में से कोई एक पद छोड़ना पड़ेगा। अगर डामोर विधायक पद से इस्तीफा देते हैं तो विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 108 हो जाएगी। जबकि प्रदेश की कुल विधायकों की संख्या 229 का हो जाएगी जबकि (कुल 230 सीटे हैं)। इस्तीफा देने के बाद छह महीने के अंदर उपचुनाव होगा। अत: छह महीने तक भाजपा के विधायकों की संख्या 108 ही रहेगी। छह महीने बाद होने वाले उपचुनाव में अगर कांग्रेस की जीत होती है तो कांग्रेस के विधायकों की संख्या 115 हो जाएगी जबकि भाजपा के विधायकों की संख्या 108 हो जाएगी। वहीं, अगर इस सीट के उपचुनाव में भाजपा फिर से जीतती है तो भी कांग्रेस के 114 विधायक ही रहेंगे।

कांतिलाल भूरिया को हराया डामोर ने रतलाम-झाबुआ सीट से पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया को 90636 वोट से हराया था। नियमानुसार अब उन्हें एक पद छोड़ना होगा, जिसे लेकर चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है।

अगर लोकसभा से इस्तीफा दिया तो क्या होंगे समीकरण लोकसभा चुनाव में एनडीए को 353 सीट मिली हैं। भाजपा की अकेले 303 सीटें हैं, जो बहुमत 272 से कही ज्यादा है। अगर डामोर लोकसभा सदस्य पद से इस्तीफा देते हैं तो यह आंकड़ा 302 रह जाएगा, जिससे पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। छह महीने के भीतर इस सीट पर फिर लोकसभा उपचुनाव होगा।

समर्थन से चल रही है कांग्रेस सरकार मध्यप्रदेश में अभी किसी भी दल के पास पर्याप्त संख्याबल नहीं है। मध्यप्रदेश में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत के लिए 116 सीटों की जरूरत होती है जबकि सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के पास केवल 114 विधायक हैं। अभी कांग्रेस के पास राज्य में 121 विधायकों का समर्थन है। इनमें 4 निर्दलीय, दो बीएसपी और एक समाजवादी पार्टी का विधायक शामिल हैं।<

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