मध्यप्रदेश

अधिकारियों के अकर्मठकता का शिकार हुआ रीवा, इस बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट से भी बाहर हुआ शहर

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:13 AM GMT
अधिकारियों के अकर्मठकता का शिकार हुआ रीवा, इस बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट से भी बाहर हुआ शहर
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रीवा। आखिरकार रीवा शहर मिनी स्मार्ट सिटी की लिस्ट से बाहर ही रह गया। अधिकारियों की लापरवाही के चलते शहरवासियों को स्मार्ट सिटी का निवासी कहलाने का दर्जा नहीं मिल सका। रीवा का इस उपलब्धि से पीछे रह जाने का कारण शहर का पिछड़ा विकास भी है। शहर में मॉल व बिल्डिंग बनाने तक ही सरकारें सीमित रह गईं।

प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद भी नई मिनी स्मार्ट सिटी में शहरों को शामिल करने पर कोई काम नहीं किया जा रहा है। मिनी सिटी बनाने के लिए जरूरी कई छोटेबड़े प्रोजेट कई माह से या तो अटके हैं या अधूरे पड़े हैं। इन्हीं अधूरे प्रोजेट के साथ निगम ने अपना डीपीआर शासन को भेजा भी लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने इसका कोई जवाब निगम अधिकारियों को नहीं दिया और न ही निगम अधिकारियों ने इस संबंध में कोई पत्राचार किया। वर्तमान में हालात यह है कि इस योजना पर किसी का कोई ध्यान नहीं है।

नगरीय प्रशासन विभाग ने दिसंबर 2018 में एक पत्र जारी कर रीवा को मिनी स्मार्ट सिटी बनाने की आस जगाई थी, जिस पर रीवा को एक कमेटी गठित कर सुपरविजन करना था। कमेटी विभाग ने पहले से ही पदों के नाम पर गठित कर रखी थी। निगम प्रशासन ने पहले तो कमेटी गठित करने में ही देरी की इसके बाद जब कमेटी गठित भी की गई तो उसने योजना पर बिल्कुल काम नहीं किया। कुछ अधिकारियों के भरोसे पूरी योजना को सौंप दिया गया। जिसके चलते निगम योजना में शामिल नहीं हो सका।

हालांकि वर्तमान में जमीनी हकीकत देखें तो शहर मिनी स्मार्ट सिटी की जरूरतों को पूरा भी नहीं कर पा रहा है। कई जरूरी प्रोजेट शहर में अधर में पड़े हैं, जिनमें काम हो भी रहा है। वह नाममात्र के हैं और जनता को परेशानी हो रही है। इन्हीं प्रोजेट से रीवा को मिनी स्मार्ट सिटी बनाया जा सकता था। हालांकि परिणाम पहले से ही सामने थे योंकि जब निगम इन जरूरतों को पूरा नहीं करता है तब तक वह मिनी स्मार्ट सिटी की श्रेणी में कैसे आता।

Aaryan Dwivedi

Aaryan Dwivedi

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