मध्यप्रदेश

MP Weather Report: मौसम का यू-टर्न, जम कर हुई बारिश, फिर कड़ाके की ठंड

MP Weather Report: मौसम का यू-टर्न, जम कर हुई बारिश, फिर कड़ाके की ठंड
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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मंगलवार को हुई बारिश से भीगा पूरा क्षेत्र।

MP Weather Updates: मौसम वैज्ञानिकों का पूर्वानुमान मंगलवार को सही साबित हुआ और बादलों के बीच प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश का क्रम शुरू हो गया है। सर्दी के मौसम में हो रही बारिश से अब कोहरा और ठंड बढ़ने के आसार बन गए है।

यहां आमिर खुसरो की वह कहावत भी चरितार्थ होती है कि सावन-भादौ बहुत चलत है पूस-माघ मा थोरी। यानि कि सावन और भादौ में बारिश का क्रम बहुत तेज होता है तो वही पूस और माघ के महीन में मौसम का यू-टर्न होने के बाद मध्यम बारिश होती है। जिससे किसानों की फसलें सिचिंत होती है।

यहां हो रही बारिश

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भोपाल, राजगढ़, सीहोर, रायसेन, विदिशा, अशोकनगर और छतरपुर में मंगलवार सुबह 7 बजे से रुक-रुककर बारिश हो रही है। सागर, होशंगाबाद, मुरैना, आगर मालवा और दमोह में भी बारिश का क्रम जारी है। शिवपुरी के कोलारस में एक दिन में एक इंच बरसात हो गई।

वही विंध्य में भी मौसम का मिजाज बदल गया और सुबह 11 बजे के बाद घने बादल छाने के साथ ही हवा चलना शुरू हो गई। तो वही बारिश का क्रम भी शुरू हो गया। रिमझिम भरी बारिश का यह क्रम देर तक जारी रहा। मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में यह बारिश हो रही है। कुछ इलाकों में ओले भी गिर सकते हैं।

कोहरा और बढ़ेगी ठंड

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मौसम का यह हाल 28 और 29 दिसंबर तक रहेगा। 30 दिसंबर से प्रदेश भर में कोहरा छा सकता है। 31 दिसंबर और 1 जनवरी को अच्छी ठंड रहेगी। दिन का तापमान काफी नीचे आएगा।

बारिश के लिए यह बना घेरा

मौसम वैज्ञानिको कहना है कि पाकिस्तान में पश्चिमी विक्षोभ चक्रवातीय घेरे के रूप में सक्रिय है। एक ट्रफ लाइन पश्चिमी मध्यप्रदेश से गुजर रही है। पाकिस्तान के दक्षिणी हिस्से में चक्रवातीय गतिविधियां अरब सागर के काफी पास हैं। इसी कारण बहुत ज्यादा नमी आ रही है। इसका असर ट्रफ लाइन में काफी अस्थिरता के साथ दिखाई देने लगा है।

रबी फसल के लिए बारिश वरदान

हो रही यह बारिश रबी की फसलो के लिए अमृत के सामान मानी जा रही है। क्योकि इन दिनों खेतों में चना-मसूर-सरसों-गेहू-अरहर सहित सभी फसलों के पौधे तैयार हो रहे है और उन्हे प्रकृति का पानी मिल जाने से मानों पौधों के लिए एन्टीबाटिक का काम करेगा। ज्ञात हो कि अभी किसान खेतों में ट्यूबवेल चलाकर पानी दे रहे हैं। बारिश होने से किसानों को सिचांई करने से भी राहत मिलेगी।

हो रही बारिश धान खरीदी केन्द्रो के लिए समस्या भी बन रही है। ज्यादातर केन्द्रो में खरीदी गई धान खुले आसमान के नीचे रखी हुई है। बारिश के चलते धान भीग रही है। इससे प्रशासन के व्यावस्था की पोल भी खुल रही है।

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