मध्यप्रदेश

एमपी: गुरु-शिष्य के रिश्तों की अनोखी कहानी, वार्डन के ट्रांसफर पर फूट-फूट कर रोई छात्राएं, कई तो हो गईं बेहोश

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Anuppur MP News: अनूपपुर (Anuppur) के गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन का स्थानांतरण हुआ तो यहां रह रही छात्राओं को इतना दुख हुआ कि वह फूट-फूट कर रोने लगी।

Anuppur MP News: अनूपपुर (Anuppur) के गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन का स्थानांतरण हुआ तो यहां रह रही छात्राओं को इतना दुख हुआ कि वह फूट-फूट कर रोने लगी। कई छात्राएं तो बेहोश तक हो गई। बेहोश छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा जिसके बाद उनकी हालत में सुधार हुआ।

बताया गया है कि जिले के जैतहरी स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में वार्डन मीरा राठौर 2019 से पदस्थ है। शुक्रवार को उनका स्थानांतरण कर दिया गया। शनिवार को हॉस्टल में रही रही छात्राओं को स्थानांतरण के बारे में जानकारी मिली। छात्राओं ने वार्डन को काफी मनाया कि वह न जाए। छात्राएं उनसे लिपट कर रोने लगी। कई छात्राओं की रोते-रोते तबियत बिगड़ गई।

कलेक्टर को सौंपेगी आवेदन

छात्रा अंजली सिंह राठौर ने बताया कि लीला मैम का हमारे हॉस्टल में स्थानांतरण किया गया है। उनका व्यवहार अच्छा नहीं है। वह हम छात्राओं से मारपीट करती है। मीरा मैम हम बच्चों को बहुत अच्छे से रखती है। छात्राओं ने कहा कि हम सभी छात्राएं कलेक्टर को आवेदन देकर मीरा मैम का स्िानांतरण रोकने संबंधी आवेदन देंगी। छात्राओं ने डीपीसी हेमंत खैरवार से निवेदन किया है कि वह मीरा मैम का स्थानांतरण न करे।

शिक्षिका और वार्डन की संभालती थी जिम्मेदारी

बताया गया है कि मीरा की जगह लीला राठौर को हॉस्टल का वार्डन बनाया गया है। पहले वह इस हॉस्टल में थी, छात्राओं का कहना है कि लीला मैम का व्यवहार छात्राओं के प्रति अच्छा नहीं है। डीपीसी खैरवार का कहना है कि मीरा फिलहाल इसी स्कूल में रहेगी। उनके पास अभी तक वार्डन और शिक्षिका दोनो की जिम्मेदारी थी। लेकिन अब उनसे वार्डन की जिम्मेदारी लेकर उन्हें शिक्षिका के रूप में ही पदस्थ कर रहे हैं।

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