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भोपाल। पुलिस मुख्यालय के एक प्रस्ताव को अगर गृह विभाग मंजूर कर लेता है तो प्रदेश के लगभग तीन सौ निरीक्षकों को डीएसपी को ओहदा मिलने का मार्ग प्रशस्त हो जायेगा। इससे पुलिस विभाग को कई तरह की जांच में इस पद के अफसरों की कमी के संकट से मुक्ति मिल जाएगी। फिलहाल प्रदेश में अभी आरक्षक से लेकर एसआई तक के पुलिस कर्मियों के उच्च पद का प्रभार देने की प्रक्रिया की जा रही है। नए प्रस्ताव के तहत पुलिस मुख्यालय निरीक्षक स्तर के अधिकारियों को भी उच्च पद का प्रभार दिये जाने की प्रक्रिया शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिये पुलिस मुख्यालय द्वारा पुलिस रेगुलेशन की धारा-45 में संशोधन करने संबंधी प्रस्ताव गृह विभाग को भेज दिया है।
प्रदेश में पुलिस कर्मियों और गैर राजपत्रित अधिकारियों को उच्च पद का प्रभार देने संबंधी आदेश पहले जारी किया जा चुका है। जिसकी वजह से भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकृति मिलना तय है। राज्य सरकार निरीक्षक के निचले स्तर के कर्मचारियों को उच्च पद का प्रभार देने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। नया आदेश प्रभावी होते ही सिपाही को हवलदार, हवलदार को एएसआई, एएसआई को एसआई और एसआई को टीआई स्तर के अधिकारियों का प्रभार दिया जा सकेगा। अधिकारियों की कमी एवं विवेचना का कार्य प्रभावित होने की वजह से प्रदेश सरकार निरीक्षक स्तर के अधिकारियों को उच्च प्रभार देकर डीएसपी बनाना चाहती है।
जानकारी अनुसार डीएसपी के रिक्त पदों में से लगभग 343 पदों को पदोन्नति से भरा जाना है। नियम है कि 50 प्रतिशत पद पदोन्नति एवं 50 सीधी भर्ती से भरे जा सकते हैं। सीधी भर्ती के जरिए भरे जाने वाले 250 पद डीएसपी के रिक्त हैं। पुलिस मुख्यालय तत्काल पद भरने के लिए सीधी भर्ती के रिक्त पदों पर उच्च पद का प्रभार दिए जाने की अनुमति चाहता है। आर्थिक भार न आने की वजह से शासन को भी इससे परेशानी नहीं होगी। फिलहाल अभी सीधी भर्ती के डीएसपी के रिक्त पदों की पूर्ति के लिए बहुत ही कम संख्या में भर्ती हो रही है।