मध्यप्रदेश

MP के गरीबों को फ्री में मिलेगा प्लॉट: आज आवासीय भू-अधिकार योजना की लॉन्चिंग, फ्री प्लॉट लेने के लिए 14 लाख आवेदन आएं

MP के गरीबों को फ्री में मिलेगा प्लॉट: आज आवासीय भू-अधिकार योजना की लॉन्चिंग, फ्री प्लॉट लेने के लिए 14 लाख आवेदन आएं
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मप्र आवासीय भू अधिकार योजना: एमपी की शिवराज सरकार ने राज्य के गरीबों को मुफ्त में प्लॉट देने का ऐलान किया गया है, जिसकी आज टीकमगढ़ से लॉन्चिंग हो रही है.

मप्र आवासीय भू अधिकार योजना: मध्यप्रदेश में मंगलवार, 3 जनवरी को वर्ष की पहली कैबिनेट बैठक हुई है. शिवराज सरकार की बैठक में नए साल पर राज्य के गरीबों को फ्री में प्लॉट देने के लिए प्रदेशभर में मप्र आवासीय भू अधिकार योजना चलाने की घोषणा की गई है. जिसकी आज यानि बुधवार को टीकमगढ़ जिले से लॉन्चिंग हो रही है. इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रदेश भर से 14 लाख से अधिक आवेदन आ चुके हैं.

मध्यप्रदेश में गरीबों के लिए फ्री प्लाट उपलब्ध कराने की घोषणा मंगलवार के कैबिनेट बैठक में की गई है. इसके लिए आज यानि बुधवार 4 जनवरी 2023 से मप्र आवासीय भू अधिकार योजना (MP Residential Land Rights Scheme) की शुरुआत की जा रही है. सबसे पहले बुधवार को टीकमगढ़ जिले के बकपुरा ग्राम पंचायत से इस योजना को शुरू किया जा रहा है.

फ्री मिलेगा प्लॉट, पति-पत्नी के नाम से होगा जमीन का पट्टा

मप्र आवासीय भू अधिकार योजना को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बुधवार का दिन सुनहरे अक्षरों में दर्ज किया जाएगा. टीकमगढ़ जिले के 10,500 लोगों को 120 करोड़ रुपए के कीमत के प्लॉट का वितरण किया जाएगा. जमीन का पट्टा पति-पत्नी के नाम से संयुक्त रूप से होगा, इसके लिए किसी भी तरह का कोई प्रीमियम नहीं लगेगा. प्लाट के लिए मॉडल साइज 600 स्क्वायर फुट और स्थान के अनुसार तय किया जाएगा.

आज होगी मप्र आवासीय भू अधिकार योजना की लॉन्चिंग

मध्यप्रदेश में आवासीय भू-अधिकार योजना की लॉन्चिंग आज बुधवार को टीकमगढ़ जिले के बकपुरा ग्राम पंचायत में होगी. योजना को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि वह उप-चुनाव के समय टीकमगढ़ जिले के दौरे पर गए थें. पृथ्वीपुर विधानसभा का कुछ हिस्सा टीकमगढ़ जिले में आता है. वहां एक गाँव के लोगों ने बताया था कि उनका परिवार बड़ा होने के कारण सदस्यों को रहने मे परेशानी का सामना करना पड़ता है. रहने के लिए जगह नहीं है. एक ही घर में 40-50 लोग रह रहें हैं. हालत ये हैं की सोने की जगह नहीं होती है. तब मैंने यह फैसला लिया कि ऐसी योजना बनाएंगे, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में, जिनके पास रहने की जगह नहीं है, उन्हें प्लॉट देंगे.

नए वर्ष 2023 के पहले कैबिनेट बैठक में एमपी सरकार ने इन प्रस्तावों को मंजूरी दी

नए वर्ष 2023 के लिए मध्यप्रदेश सरकार की पहली कैबिनेट बैठक मंगलवार को संपन्न हुई. इस बैठक में कई प्रस्तावो को मंजूरी दी गई है. इन प्रस्तावों के बारे में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जानकारी दी है, जो इस प्रकार हैं.

  • लगातार दूसरी बार निर्विरोध सरपंच चुने जाने पर 7 लाख रुपए दिए जाएंगे. पंच, सरपंच सहित सभी पदों पर महिलाओं के निर्विरोध निर्वाचन पर 15 लाख का पुरस्कार देने का फैसला हुआ है.
  • चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पीजी सीट्स बढ़ाने के लिए 614 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी है.
  • 9200 सीएम राइज स्कूलों के निर्माण के लिए मंजूरी दी गई है. पहले चरण में 370 स्कूलों का निर्माण हो रहा है. 45 स्कूलों की डीपीआर बनकर तैयार हो गई है. 2660 करोड़ रुपए की मंजूरी पहले दी जा चुकी है.
  • सरपंचों के मानदेय को 1750 से बढ़ाकर अब 4250 रुपए प्रतिमाह देने का फैसला हुआ. इसमें दूरभाष और सत्कार भत्ता भी शामिल रहेगा. इसमें सरकार पर सालाना 69 करोड़ का भार आएगा.
  • एसटी वर्ग के छात्रों को कोचिंग के लिए आकांक्षा योजना शुरू की गई है. इसमें दो बैच में 800-800 बच्चों को कोचिंग दी जाएगी. इसमें संभाग स्तर पर ऑफलाइन कोचिंग संचालित होगी. 9वीं से 12 वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को फ्री कोचिंग कराई जाएगी. 10वीं में पास होने वाले बच्चों को कोचिंग संस्थानों में प्रवेश दिलाकर 11वीं और 12वीं कक्षा की पढ़ाई कराई जाएगी.
  • 181 सीएम हेल्पलाइन में सीटें बढ़ाने का फैसला हुआ है. इसके कॉल सेंटर में 300 सीटें थीं. इनमें 120 सीटें और बढ़ाई जाएंगी. सुशासन के मामले में केंद्र सरकार ने चार कैटेगरी पर रैंकिंग की थी. सुशासन के चारों पैरामीटर पर मध्यप्रदेश अव्वल रहा है.
  • पीएम मातृवंदना योजना 0.2 को जारी रखने की मंजूरी दी गई है. इसमें 60% अंश केंद्र सरकार और 40% राज्य सरकार भागीदारी देती है. इस योजना में पहले प्रसव के बाद माताओं को 5 हजार रुपए दिए जाते थे. अब दूसरी डिलीवरी में बेटी पैदा होने पर 6 हजार रुपए दिए जाएंगे.
  • 10 संभागीय ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय में नियमित पदों का सृजन और लैब में संविदा वर्ग तीन के समकक्ष पदों के सृजन की स्वीकृति.
  • शौर्या दल योजना (Shaurya Dal Yojana) को फिर शुरू करने का फैसला हुआ. गांवों की महिलाएं और बेटियां पुलिस और ग्रामीणों के बीच सेतु का काम करेंगी.
Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत

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