मध्यप्रदेश

इस यूनिवर्सिटी के छात्र नेशनल चैंपियनशिप से लौटे, बिना खेले ही वापस

इस यूनिवर्सिटी के छात्र नेशनल चैंपियनशिप से लौटे, बिना खेले ही वापस
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रीवा की अवधेश प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी के 32 छात्र नेशनल बेसबॉल चैंपियनशिप में हिस्सा लिए बिना ही दिल्ली से वापस लौट आए। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

रीवा की APS यूनिवर्सिटी में लापरवाही का बड़ा मामला

मध्यप्रदेश के रीवा में स्थित अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (APS University) एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार मामला हैरान करने वाला है, जहां नेशनल चैंपियनशिप के लिए भेजे गए छात्र बीच रास्ते से ही वापस लौट आए। खेल में हिस्सा न ले पाने के कारण छात्रों और उनके अभिभावकों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर भारी लापरवाही के आरोप लगाए हैं।

दिल्ली से लौटे छात्रों ने बताई आपबीती

दिल्ली से वापस लौटे छात्रों ने बताया कि राजस्थान के झुंझुनू में 14 से 17 जून तक बेसबॉल की ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता होनी थी। इसमें दूसरे विश्वविद्यालयों की तरह रीवा के खिलाड़ियों को भी हिस्सा लेना था, लेकिन विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग ने आधिकारिक रूप से दस्तावेज़ और कोच नहीं भेजे। छात्रों ने बताया कि जब वे दिल्ली पहुँचे तो उन्हें बताया गया कि विश्वविद्यालय की ओर से कोई राशि जारी नहीं की गई है। कॉलेज प्रशासन की इस गंभीर लापरवाही के चलते कुल 32 छात्र नेशनल चैंपियनशिप में भाग नहीं ले पाए।

छात्रों ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि "हम लोगों ने खुद के पैसे से टिकट करवाई। हमारे पास न खाने के पैसे थे, न आईडी कार्ड था। स्टेशन पर ही बैठे रहे। इसके बाद हमसे कहा गया कि अब आप आगे नहीं जा सकते। चार दिन से लगातार सफर कर रहे हैं, लेकिन खेल नहीं सके।" छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि हर साल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले छात्रों को खेल किट और ट्रैकसूट आदि दिए जाते हैं, लेकिन इस बार वह भी नहीं मिले। इसके लिए भी छात्रों को खुद ही पैसे खर्च करने पड़े।

विश्वविद्यालय प्रशासन का पलटवार

दूसरी ओर, रीवा एपीएसयू के शारीरिक शिक्षा संचालक, डॉक्टर रामभूषण मिश्रा ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि उन्हें 10 जून को पत्र मिला था कि 14 से 17 जून तक झुंझुनू में प्रतियोगिता होनी है। चूंकि समय कम था, इसलिए फ़ाइल की प्रक्रिया शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि कोच-मैनेजर नियुक्त कर टीम भेजने की तैयारी थी, लेकिन जब छात्रों को बुलाया गया तो पता चला कि वे खुद ही ट्रेन में सवार होकर जा रहे हैं।

डॉक्टर मिश्रा ने आगे कहा, "विश्वविद्यालय में जब टीम के सदस्य उपस्थित नहीं हुए तो भेजने की योजना स्थगित करनी पड़ी। छात्र बिना अनुमति के गए थे, और अब बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। हर प्रक्रिया निर्धारित नियमों के अनुसार होती है।" इस मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।

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