मध्यप्रदेश

अटकलों पर लगा विराम, Narottam Mishra और Kailash Vijayvargiya ने कहा- ये रहेंगे MP के मुख्यमंत्री

अटकलों पर लगा विराम, Narottam Mishra और Kailash Vijayvargiya ने कहा- ये रहेंगे MP के मुख्यमंत्री
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भोपाल :  प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से एक दूसरे के घर जाकर कमराबंद बैठकें कर रहे भाजपा (BJP) के आला नेताओं के सुर अचानक बदल गए हैं।

भोपाल : प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से एक दूसरे के घर जाकर कमराबंद बैठकें कर रहे भाजपा (BJP) के आला नेताओं के सुर अचानक बदल गए हैं। सोमवार को इन नेताओं ने नेतृत्व परिवर्तन को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही खबरों को ख़ारिज करते हुए साफ कहा कि शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ही प्रदेश के सीएम रहेंगे। इन नेताओं के अचानक बदले सुरों को लेकर भी राजनीतिक वीथिकाओं में सवाल तैर रहे हैं।

गौरतलब है कि भाजपा (BJP) में पिछले एक सप्ताह से आलानेताओं में मेल मुलाकात और कमराबंद बैठकों का दौर चल रहा था। ऐसा पहली बार हो रहा था, जब ये नेता लगातार एक दूसरे से मिल रहे थे। इसे महज संयोग नहीं कहा जा सकता। मुलाकात की शुरुआत पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) के घर पर पहुंचकर की थी।

इसके बाद वे दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल से भी मिले। इसके ठीक बाद पटेल भोपाल आए। इसके बाद नरोत्तम मिश्रा और वीडी शर्मा दो दिन में दो बार मिले। इस बीच प्रकाश झा भी नरोत्तम मिश्रा के घर गए। इन नेताओं की मुलाकातों से प्रदेश का सियासी पारा गर्मा गया था और सोशल मीडिया में इसे नेत्त्व परिवर्तन की कवायद से जोड़कर देखा जा रहा था। हालांकि सोमवार को मिश्रा और कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने इन्हें ख़ारिज कर दिया। अब सवाल यह भी उठ रहा है कि मुलाकातें थमने के तीन दिन बाद दोनों नेताओं ने एक ही दिन एक साथ एक जैसे बयान क्यों दिए।

सोशल मीडिया पर चलीं ये अटकलें

नेताओं की लगातार मुलाकातों के बाद सत्ता और संगठन में बड़े बदलाव के कयास लगाए जाने लगे। इसके बाद सोशल मीडिया पर खबरें वायरल होने लगीं कि शिवराज सिंह चौहान केन्द्र में जाएंगे। उनकी जगह राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष और सांसद वीडी शर्मा के नाम मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल हैं। इसके बाद एक दूसरी खबर चलने लगी कि गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने 30 विधायकों के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हालांकि इन खबरों को भाजपा संगठन से जुड़े लोगों ने असत्य बताया। अब गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बयान ने सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है।

इसलिए मिला अटकलों को बल

पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद कैलाश विजयवर्गीय को अब तक पार्टी में नया रोल नहीं मिला है। बंगाल में उनका काम अब बेहद कम हो गया है। वहीं प्रदेश सरकार बने एक साल से अधिक समय हो जाने पर भी अब तक ज्योतिरादित्य सिंधिया केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए गए हैं।

समर्थकों के एडजस्ट न होने से सिंधिया भी खुश नहीं

प्रदेश में सरकार के गठन के एक साल बाद भी अपने समर्थकों को प्रदेश भाजपा की कार्यकारिणी और जिलों में पर्याप्त जगह न मिलने से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया खुश नहीं बताए जा रहे हैं। वे अपने कुछ समर्थकों को निगम मंडलों में भी पद पर देना चाहते हैं। सिंधिया समर्थकों को एडजस्ट करने को लेकर सीएम शिवराज सिंह संगठन नेताओं से चर्चा कर चुके हैं। अब नौ जून को सिंधिया भोपाल आ रहे हैं। उनके समर्थकों ने उनके भव्य स्वागत की भी तैयारी की है। सिंधिया सीएम और प्रदेश संगठन के नेताओं से बात कर इस मामले में अपनी राय दे सकते हैं।

Shashank Dwivedi | रीवा रियासत

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