मध्यप्रदेश

एमपी के सोनकच्छ में पकड़े गए तेंदुआ मामले में चौंकाने वाला खुलासा, वायरस ने बिगाड़ दी सेहत, हिंसक स्वभाव भी भूला

Sanjay Patel
2 Sep 2023 9:09 AM GMT
एमपी के सोनकच्छ में पकड़े गए तेंदुआ मामले में चौंकाने वाला खुलासा, वायरस ने बिगाड़ दी सेहत, हिंसक स्वभाव भी भूला
x
MP News: डॉक्टरों ने तेंदुए की जांच की जिसके बाद चौंकाने वाला खुलासा किया है। डॉक्टरों के मुताबिक वायरस की वजह से 10 साल का तेंदुआ बकरी बन गया।

मध्यप्रदेश के देवास अंतर्गत सोनकच्छ में ग्रामीणों ने गत दिनों तेंदुए को पकड़ा था। ग्रामीण तेंदुआ देख पहले तो डर गए थे किंतु जब उसने काफी देर तक कोई हरकत नहीं की तो लोगों ने हिम्मत दिखाई। जिसके बाद लोग उसके पास पहुंचे और उसे छेड़ने लगे किंतु तेंदुए द्वारा पलटवार नहीं किया गया। जिससे ग्रामीण बेखौफ हो गए। तेंदुए की चुस्ती फुर्ती गायब देख लोग उसके शरीर पर हाथ भी फेरने लगे। तेंदुए के साथ ग्रामीणों ने वीडियो भी बनाया जो बाद में वायरल कर दिया गया। वन विभाग को सूचना मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे। जिसके बाद तेंदुए को इंदौर चिड़ियाघर ले जाया गया। जहां पर उसका इलाज चल रहा है और उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।

10 साल का तेंदुआ बन गया बकरी!

हिंसक स्वभाव भूल जाने के कारण ग्रामीणों ने सोनकच्छ में तेंदुए को पकड़ा। जिसको वन विभाग की टीम इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय ले गई। डॉक्टरों ने तेंदुए की जांच की जिसके बाद चौंकाने वाला खुलासा किया है। डॉक्टरों के मुताबिक वायरस की वजह से 10 साल का तेंदुआ बकरी बन गया। तेंदुए के ब्रेन सेल में काफी नुकसान हुआ है। यही वजह है कि वह अपना स्वभाव तक भूल गया। यही वजह रही कि वह न तो इंसानों को देखकर गुर्राया और न ही भागने की कोशिश की।

इंदौर चिड़ियाघर में चल रहा इलाज

इस तेंदुए का इलाज इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में डॉक्टर कर रहे हैं। किंतु उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। बताया गया है कि तेंदुए ने खाना-पीना भी छोड़ दिया है। ऐसी संभावना जताई गई है कि संक्रमित एनिमल खाने की वजह से उसकी इस तरह की हालत हुई है। क्योंकि उसके शरीर पर भी किसी तरह चोट के निशान नहीं पाए गए हैं। इस तेंदुए को ग्रामीणों ने बीते मंगलवार की शाम तकरीबन 4 बजे देखा था। तेंदुआ सोनकच्छ के पीपलरावां थाना क्षेत्र के इकलेरा माताजी गांव के पास झाड़ियों में दिखा था। ग्रामीणों को देख तेंदुए ने जब कोई हरकत नहीं की तो ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया था।

बीमारी पता करने लिया गया सैंपल

इंदौर जू जबलपुर की फोरेंसिक टीम पहुंची जिसने तेंदुए के सैंपल कलेक्ट किए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही उसकी बीमारी का पता चल सकेगा। फिलहाल उसकी स्थिति क्रिटिकल बनी हुई है। तेंदुए ने खाना-पीना भी पूरी तरह से बंद कर दिया है। एनर्जी बनाए रखने के लिए उसको बॉटल चढ़ाने के साथ ही मेडिसिन भी दी जा रही है। डॉक्टरों की मानें तो साउथ अफ्रीका में भी इस वायरस का इंफेक्शन हुआ था जिसमें लायंस की मौत हुई थी। इंफेक्टेड एनिमल को यदि तेंदुए ने खाया होगा तो हो सकता है कि वायरस के संपर्क में आ गया हो। चिड़ियाघर के अन्य वन्य प्राणियों की सुरक्षा को देखते हुए अस्पताल के पीछे शेड में तेंदुए को शिफ्ट किया गया है।

इनका कहना है

इस संबंध में इंदौर जू प्रभारी डॉ. उत्तम यादव का कहना है कि तेंदुए की सभी प्रकार की टेस्टिंग जब तक नहीं हो जाती तब तक कुछ कहना उचित नहीं है। ताजा सिंप्टम्स के अनुसार उसको ट्रीटमेंट दिया जा रहा है जिससे उसको रिलीफ भी है। अभी वह पूरी तरह से शांत अवस्था में रहता है। उसके स्वभाव में परिवर्तन देखने को मिला है। न्यूरोलॉजिक डिसऑर्डर है यह बात तो साफ है किंतु यह किस वजह से है यह क्लियर नहीं है।

Next Story