मध्यप्रदेश

छात्रों के हित में शिवराज सरकार का अब तक का सबसे बड़ा फैसला, अगर स्कूल ने की मनमानी तो..: MP GOVERNMENT GOOD DECISION

छात्रों के हित में शिवराज सरकार का अब तक का सबसे बड़ा फैसला, अगर स्कूल ने की मनमानी तो..: MP GOVERNMENT GOOD DECISION
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MP GOVERNMENT GOOD DECISION: मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने छात्रों के हित को लेकर एक अहम फैसला कर दिया कर दिया है. जारी आदेश में कहा गया है की प्रदेश के कोई भी निजी विद्यालय 9वीं से 12वीं तक के छात्रों की फीस के लिए दबाव नहीं बना सकता है. अगर छात्र ने फीस नहीं भरी है तो उसे स्कूल की पढाई से वंचित नहीं किया जायेगा। शिक्षा विभाग ने आदेश भी जारी कर दिया है. 

MP GOVERNMENT GOOD DECISION: मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने छात्रों के हित को लेकर एक अहम फैसला कर दिया कर दिया है. जारी आदेश में कहा गया है की प्रदेश के कोई भी निजी विद्यालय 9वीं से 12वीं तक के छात्रों की फीस के लिए दबाव नहीं बना सकता है. अगर छात्र ने फीस नहीं भरी है तो उसे स्कूल की पढाई से वंचित नहीं किया जायेगा। शिक्षा विभाग ने आदेश भी जारी कर दिया है.

जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश के उच्च न्यायालय ने सरकार को आदेश दिया था की अगर कोई छात्र या छात्राये फीस भरने में असमर्थ है तो उन्हें स्कूल से वंचित नहीं किया जायेगा। जारी आदेश में शिक्षा विभाग ने स्कूलों को आदेश दिया है की अब स्कूल 6 किस्तों में फीस लेंगे। ऐसा न करने पर आदेश की कोताही समझी जाएगी और स्कूल के खिलाफ एक्शन लिया जायेगा। वही स्कूल के संचालक किसी भी छात्र को परीक्षा देने से भी वंचित नहीं कर सकते है.

जारी आदेश में छात्रों के हित को देखते हुए सरकार ने स्कूलों को निर्देश दिया है की अगर छात्र या छात्रा के परिजन फीस देने में सक्षम नहीं है तो उन्हें स्कूलों में एक लेटर देना होगा। जिसमे उन्हें बताना होगा की वो किसलिए फीस देने में असमर्थ है. वही जारी आदेश में सरकार ने कहा है की अभिवभावक के द्वारा दिए गए लेटर पर स्कूल के संचालक विचार करके तुरंत उसका जवाब देंगे।

जानकारी के मुताबिक देश में कोरोना महामारी के बाद स्कूल और सभी दफ्तरों को बंद करने का निर्देश सरकार द्वारा जारी हुआ था. जिसके बाद बच्चे घर में ही रहकर ऑनलाइन क्लासेज के द्वारा क्लास ले रहे है. इस बीच कई जगह से शिकायत मिल रही थी की कई स्कूल छात्रों की फीस को लेकर उन्हें परीक्षा में बैठने से मना कर रहे थे जिसके बाद सरकार ने ये आदेश जारी कर दिया।

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