रीवा

पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल के अपील पर अभिनेता सोनू सूद ने मुंबई में फंसे मजदूरों को रीवा भिजवाया

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:23 AM GMT
पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल के अपील पर अभिनेता सोनू सूद ने मुंबई में फंसे मजदूरों को रीवा भिजवाया
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मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री एवं रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल ने बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद से मुंबई में फंसे मजदूरों को रीवा भिजवाने की अपील

रीवा। 44 मजदूर मुंबई से स्पेशल बस के द्वारा रीवा पहुँच चुके हैं। अभी और भी मजदूरों का आना बांकी है। मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री एवं रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल ने बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद से मुंबई में फंसे मजदूरों को रीवा भिजवाने की अपील की थी।विधायक राजेंद्र शुक्ल 168 मजदूरों के नाम एवं संपर्क सूत्र की एक सूची सोनू सूद को ट्विटर पर भेजी थी। जिस पर पहल करते हुए सोनू सूद ने 44 मजदूरों को रीवा भेजा था, जो रविवार की सूबह पहुंच गए।

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रविवार की सुबह बस रीवा पहुंची जिसमें सवार लोगों की स्क्रीनिंग के बाद उन्हें भोजन का वितरण किया गया है। तीन माह से फंसे लोग जब अपने गृह जिले पहुंचे तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा।

चार दिन पूर्व विधायक ने किया था ट्वीट

विधायक राजेन्द्र शुक्ला ने कुछ दिन पूर्व फिल्म स्टार सोनू सूद को ट्वीट के माध्यम से मुंबई में फंसे लोगों की जानकारी दी थी और उनको वापस रीवा भिजवाने की मांग की थी। उनके इस ट्वीट से राजनीति में बवाल मच गया था और विपक्ष इस बात को लेकर सरकार पर हमलावर हो गया था।

विधायक के ट्वीट का लाभ वहां फंसे प्रवासी मजदूरों को मिला। सोनू सूद द्वारा सभी लोगों को वापस भिजवाने की व्यवस्था की गई है। शनिवार को स्पेशल बस से 44 प्रवासी श्रमिकों को रवाना किया गया था।

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रविवार की सुबह पहुंची रीवा

रविवार की सुबह यह बस रीवा पहुंची है। कंट्रोल रुम से पुलिसकर्मी उक्त बस को लेकर बिछिया पहुंचे जहां उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। स्क्रीनिंग के बाद उन सभी को घर भिजवाया गया है। बस में रीवा के अलावा सतना व सीधी के लोग भी सवार थे। विधायक द्वारा 168 लोगों की सूची सौंपी गई थी। माना यह जा रहा है कि अभी कुछ अन्य बसें भी आयेंगी जिससे लोगों को घर भिजवाया जायेगा।

समस्याओं से जूझ रहे थे लोग

तीन माह तक लॉक डाउन के कारण मुंबई में फंसे लोग तमाम मुश्किलों का सामना कर रहे थे। यात्रियों का कहना था कि वहां काम करने गए थे लेकिन लॉक डाउन के कारण वहां काम बंद हो गया था और भूखों मरने की स्थिति आ गई थी। बड़ी मुश्किल से खाने की व्यवस्था हो पाती थी। वहीं मुंबई में कोरोना तेजी से फैल रहा था जिससे हर समय भयभीत रहते थे।

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