मध्यप्रदेश

रीवा-प्रयागराज की दूरी होगी कम, नई रेल लाइन बिछाने की तैयारी, जानें क्या है योजना?

रीवा-प्रयागराज की दूरी होगी कम, नई रेल लाइन बिछाने की तैयारी, जानें क्या है योजना?
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Rewa Prayagraj Railway Line Project: बहुत जल्दी कोरांव होकर प्रयागराज से सीधे रीवा तक के लिए रेल लाइन बिछाए जाने की मंजूरी मिल जाएगी।

ऐसा नहीं है कि रीवा से प्रयागराज पहुंचने के लिए कोई रेलमार्ग नहीं है। रीवा रेलवे स्टेशन से सतना होकर प्रयागराज जाने का ट्रेन रूट मौजूद है। रीवा से डायरेक्ट प्रयागराज होकर दिल्ली के लिए ट्रेन भी चल रही है। यह बात अलग है कि अभी घूम कर जाना पड़ता है। इसलिए सड़क मार्ग की अपेक्षा रेल मार्ग कई किलोमीटर ज्यादा सफर करने पडता है। लेकिन अब चल रहे प्रयास को देखते हुए माना जा रहा है कि बहुत जल्दी कोरांव होकर प्रयागराज से सीधे रीवा तक के लिए रेल लाइन बिछाए जाने की मंजूरी मिल जाएगी।

क्या है वर्तमान स्थिति

वर्तमान समय में रीवा से प्रयागराज जाने के लिए रीवा आनंद विहार एक्सप्रेस ट्रेन चल रही है। जिन यात्रियों प्रयागराज जाना होता है वह ट्रेन रूट से 127 किलोमीटर का सफर तय कर प्रयागराज पहुंच जाते हैं। लेकिन यह दूरी ज्यादा है अपेक्षा की सड़क मार्ग के। क्योंकि रीवा से प्रयागराज अगर सड़क मार्ग से जाया जाए तो यह दूरी 130 किलोमीटर है। जबकि आनंद विहार ट्रेन से अगर कोई व्यक्ति प्रयागराज जाना चाह रहा है तो उसे 227 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है।

शुरू हुआ प्रयास

जानकारी के अनुसार इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र की सांसद डॉ रीता बहुगुणा जोशी ने उत्तर मध्य रेलवे प्रशासन को पत्र भेजकर कोरांव होते हुए रीवा तक नई रेल लाइन बिछाने की मांग की है। सांसद डॉ रीता बहुगुणा जोशी का यह प्रयास आगे बढ़ चुका है क्योंकि उत्तर मध्य रेलवे प्रशासन द्वारा रेलवे बोर्ड को पत्र भेजकर रीवा तक लाइन बिछाने के लिए सर्वे करने की स्वीकृति मांगी है।

रेलवे अफसरों का कहना है कि अगर रेलवे बोर्ड इसमें स्वीकृति दे देता है तो कोरांव होते हुए रीवा तक रेल लाइन बिछाने का काम शुरू हो सकता है। रीता बहुगुणा जोशी का कहना है कि मेजा होकर ग्वालियर नई रेल लाइन से रीवा और प्रयागराज के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी।

ज्ञात हो कि प्रयागराज में कोरांव एकमात्र ऐसी विधानसभा है जहां रेल लाइन नहीं है। ऐसे में सांसद का प्रयास है कि यह क्षेत्र भी रेल लाइन से जुड़ जाए। अगर यह सम्भव होता है तो यूपी का यह क्षेत्र सीधे मध्य प्रदेश के रीवा जिले से जुड़ जाएगा। वैसे भी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले का मध्य प्रदेश का रीवा जिले का पड़ोसी जिला है। दोनों की सीमाएं काफी दूर तक एक साथ चल रही है। दोनों ही प्रदेश के दोनों जिलों के लोगों का आना जाना रहता है। ऐसे में आवश्यक है कि यह रेल लाइन बहुत जल्दी स्वीकृति हो।

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