मध्यप्रदेश

रीवा समेत देशभर में 1045 करोड़ का फ्रॉड पकड़ा गया, 13 ठिकानों पर IT के छापे

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत
16 July 2025 10:04 AM IST
Updated: 2025-07-16 04:39:07
रीवा समेत देशभर में 1045 करोड़ का फ्रॉड पकड़ा गया, 13 ठिकानों पर IT के छापे
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टैक्स में फर्जी छूट लेने के मामले में आयकर विभाग की देशभर में कार्रवाई जारी है. रीवा समेत एमपी के 13 जगहों पर छापे मारे गए हैं, पूरे देश से 1045 करोड़ के फर्जी रिफंड के मामले सामने आए हैं.

मध्य प्रदेश में टैक्स फ्रॉड के बड़े रैकेट का खुलासा: टैक्स में फर्जीवाड़ा करके छूट लेने के एक बड़े मामले में आयकर विभाग की कार्रवाई देशभर में सोमवार से शुरू हुई, जो मंगलवार को भी जारी रही. मध्य प्रदेश के कई शहरों जैसे भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन और रीवा समेत कुल 13 ठिकानों पर विभाग की जांच जारी है. जांच में यह सामने आया है कि गलत तरीके से पूरे देश में 1045 करोड़ रुपये के फर्जी टैक्स रिफंड लिए गए हैं. विभाग ने एक ही कंप्यूटर और आईडी का इस्तेमाल करके रिटर्न फाइल करने वाले 40 हजार से भी ज्यादा लोगों की पहचान की है, जिनमें कई सीए और टैक्स प्रैक्टिशनर भी शामिल हैं.

फर्जी टैक्स छूट के खेल का पर्दाफाश

टैक्स में फर्जी छूट कैसे ली जाती है? इस बड़े घोटाले में टैक्स प्रैक्टिशनर्स का एक पूरा नेटवर्क शामिल था. ये लोग फर्जी कटौती और जाली दान रसीदों का इस्तेमाल करके टैक्स फाइल कर रहे थे. जांच में पता चला कि कई लोगों ने आयकर की धारा 80C, 80GGC और 80D के तहत बिना किसी वास्तविक दस्तावेज के ही रिफंड का क्लेम कर दिया था. आयकर विभाग उन टैक्स एजेंट्स और सीए की भी तलाश कर रहा है, जिनके ऑफिस और घर एक ही हैं.

इंदौर और जबलपुर में बड़े खुलासे

जांच में कई शहरों से बड़े खुलासे हुए हैं. इंदौर में सीए शुभम लड्ढा के ठिकाने पर हुई कार्रवाई में 5 करोड़ रुपये का फर्जी रिफंड पकड़ा गया है. इसमें से अधिकतर रिफंड बैंकरों के नाम पर लिए गए थे. 150 से ज्यादा संदिग्ध आईटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) में फर्जीवाड़े की बात सामने आई है. इसी तरह, जबलपुर में दो सीए ने लगभग 6 हजार फर्जी रिटर्न भरे थे, जिनमें से कई में गलत तरीके से रिफंड लिया गया था.

छापे में जब्त हुए अहम दस्तावेज और डिवाइस

आयकर विभाग ने इन ठिकानों पर मारे गए छापे में कई महत्वपूर्ण सबूत जब्त किए हैं. इनमें कई टैक्स एजेंट्स के दफ्तरों से लैपटॉप, हार्ड ड्राइव, रसीद बुक और सैकड़ों टैक्स फॉर्म शामिल हैं. इन दस्तावेजों और डिवाइस की जांच से इस फर्जीवाड़े में शामिल और भी लोगों का खुलासा होने की उम्मीद है. यह कार्रवाई ऐसे लोगों के लिए एक बड़ी चेतावनी है जो गलत तरीकों से टैक्स बचाने की कोशिश करते हैं.

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