मध्यप्रदेश

पंचायत चुनाव को निरस्त करने का प्रस्ताव आमजन के साथ छलावा: कमलेश्वर

Saroj Tiwari
27 Dec 2021 6:42 AM GMT
पंचायत चुनाव को निरस्त करने का प्रस्ताव आमजन के साथ छलावा: कमलेश्वर
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आरक्षण देने से वंचित करने के साथ प्रदेश की करीब 79 प्रतिशत जनसंख्या गांवों में निवास करती है।

सीधी (Sidhi News): आरक्षण देने से वंचित करने के साथ प्रदेश की करीब 79 प्रतिशत जनसंख्या गांवों में निवास करती है। भाजपा सरकार ने आम जनों के साथ छलावा किया है। पूर्व मंत्री एवं विधायक कमलेश्वर पटेल ने कहा कि पिछले 22 दिनों से आचार संहिता लागू है और चुनाव के लिये नामांकन कराया गया। अब निरस्त करने का प्रस्ताव दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भाजपा समाज के हर वर्ग के साथ छलावा कर रही है।

श्री पटेल ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत राज अधिनियम एवं संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए कमलनाथ सरकार के समय पंचायत चुनाव का परिसीमन एवं रोटेशन में आरक्षण की प्रक्रिया को पूर्ण किया गया था। मौजूदा प्रदेश की सरकार उसे लागू करती तो वह बेहतर होता और आज यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति नहीं बनती। श्री पटेल ने कड़े शब्दों में कहा कि भाजपा का असली चेहरा, चाल एवं चरित्र जनता के सामने आ ष्या है। जिस तरह उन्होंने लोकतंत्र का संवैधानिक प्रक्रियाओं का मजाक उड़ाकर पंचायत चुनाव को अपने मनमर्जी से कराना चाहते थे उसका सच अब जनता जान चुकी है।

विधायक श्री पटेल ने कहा कि

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने के लिए संविधान में व्यापक संशोधन कर शासन का विकेंद्रीकरण करते हुए ग्रामीण जनता का सम्मान करते हुए उसे अधिकार संपन्न बनाने के लिए 73 वा एवं 74वां संशोधन विधेयक लाकर ग्रामीण समुदाय को सशक्त बनाने ऐतिहासिक महत्वपूर्ण कार्य किया था। मध्यप्रदेश में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जी ने सबसे पहले देश में मध्य प्रदेश में पंचायत राज व्यवस्था को लागू कर विकसित किया। लेकिन भाजपा सरकार सबका अधिकार छीनना चाहती है।

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