मध्यप्रदेश

एमपी में किसानों की और बढ़ी मुश्किलें, सिंचाई के लिए केवल 7 घंटे मिलेगी बिजली, ऊर्जा विभाग ने बनाया कटौती प्लान

Sanjay Patel
3 Sep 2023 10:04 AM GMT
एमपी में किसानों की और बढ़ी मुश्किलें, सिंचाई के लिए केवल 7 घंटे मिलेगी बिजली, ऊर्जा विभाग ने बनाया कटौती प्लान
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MP News: मध्यप्रदेश के किसान जहां बारिश नहीं होने से चिंतित हैं तो वहीं अब बिजली विभाग के नए फरमान से उनकी मुश्किलें और बढ़ गई। किसानों को सिंचाई के लिए केवल 7 घंटे ही बिजली मिल सकेगी।

मध्यप्रदेश के किसान जहां बारिश नहीं होने से चिंतित हैं तो वहीं अब बिजली विभाग के नए फरमान से उनकी मुश्किलें और बढ़ गई। किसानों को सिंचाई के लिए केवल 7 घंटे ही बिजली मिल सकेगी। बारिश के संकट के चलते बने हालातों को देखते हुए कटौती का का निर्णय लिया गया है। यह प्लान 2 सितंबर से दो-तीन दिन के लिए लागू करने के नाम पर जारी किए गए हैं।

पानी से बिजली बनाने में आई कमी

एमपी में इन्द्रदेव मेहरबान नहीं हो रहे हैं। मानसून की बेरुखी से नदी, तालाब और डैम खाली हैं। किसान अपनी फसल को लेकर चिंतित हैं। कुछ स्थानों पर धान सहित अन्य फसलों की बोनी तो कर ली गई किंतु अब बारिश नहीं होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचने लगी हैं। बारिश कम होने से हाइड्रो पॉवर जेनरेशन यानी कि पानी से बिजली बनाने में कमी आई है। सितंबर के पहले दिन बिजली की डिमांड 14.5 हजार मेगावाट को पार कर गई है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा विभाग ने बिजली सप्लाई में कटौती का प्लान जारी किया है।

17 घंटे तक होगी बिजली कटौती

कम बारिश से संकट के हालात निर्मित हो गए हैं। ऐसे में ऊर्जा विभाग ने बिजली कटौती करने का निर्णय लिया है। यह प्लान 2 सितम्बर से दो-तीन दिन के लिए लागू करने के नाम पर जारी किए गए हैं। सितंबर के पहले दिन ही बिजली की डिमांड 14.5 हजार मेगावाट को पार कर गई है। बिजली कंपनियां अभी तक ग्रामीण क्षे़त्रों में सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली दे रही थीं किंतु अब किसानों को केवल 7 घंटे ही सिंचाई के लिए बिजली मिल सकेगी। जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली बिजली सप्लाई में 24 घंटे के अंतराल में 17 घंटे तक कटौती की जाएगी।

जिलों को तीन कैटेगरी में बांटा गया

ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा विभाग ने बिजली सप्लाई में कटौती का प्लान जारी किया है। जिसमें जिलों को तीन कैटेगरी ए, बी और सी में बांटा गया है। ए कैटेगरी में रीवा, मंडला, पन्ना, अनूपपुर, दमोह, भिंड, अशोक नगर, ग्वालियर, गुना, मुरैना और दतिया जिले शामिल हैं। जबकि बी कैटेगरी में सर्वाधिक जिले शामिल हैं। जिसमें जबलपुर सिटी, बुरहानपुर, मंदसौर, शाजापुर, भोपाल सिटी, शहडोल, सिवनी, कटनी, डिंडौरी, छतरपुर, रतलाम, झाबुआ, रायसेन, सीधी, बालाघाट, विदिशा, बड़वानी, सतना, धार, सागर, इंदौर सिटी, नरसिंहगढ़, टीकमगढ़, सीहोर, राजगढ़, शिवपुरी, श्योपुर, छिंदवाड़ा, खरगोन, खंडवा, बैतूल, उज्जैन, नीमच, आगर, देवास, होशंगाबाद, हरदा जिले और बुधनी विद्युत संभाग शामिल हैं। इसके साथ ही सी कैटेगरी में सिंगरौली और उमरिया को शामिल किया गया है।

इस तरह होगी बिजली कटौती

ऊर्जा विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में 11 केवी फीडर से की जाने वाली सप्लाई में कटौती को लेकर यह प्लान जारी किया है। तीनों कैटेगरी के जिलों में रात 12 बजे से सुबह 4 बजे तक, इसके बाद सुबह 10 से दोपहर बाद 4 बजे के बीच बिजली सप्लाई का टाइम अलग-अलग शेड्यूल में तय किया गया है। इसके अलावा सुबह 5 से 10 बजे के बीच और शाम 5 से रात 11 बजे के बीच पीक आवर्स में लोड के चलते इस अवधि में जिलों में ग्रामीण क्षेत्र की फीडर सप्लाई बंद रहेगी। इस संबंध में ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे के मुताबिक प्रदेश में बिजली की डिमांड 14500 मेगावाट को पार कर गई है। सप्लाई बनाए रखने के लिए बाजार से भी बिजली खरीदी की जा रही है। कम बारिश होने से यह स्थिति निर्मित हुई है।

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