मध्यप्रदेश

एमपी में नियमों को ताक पर रख संचालित हो रहे निजी महाविद्यालय

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मध्य प्रदेश में संचालित होने वाले आधे से अधिक निजी महाविद्यालय नियमों को ताक पर रख संचालित किए जा रहे हैं।

मध्य प्रदेश में संचालित होने वाले आधे से अधिक निजी महाविद्यालय नियमों को ताक पर रख संचालित किए जा रहे हैं। इन महाविद्यालयों यूजीसी के मापदंड के अनुसार व्यवस्था नहीं है। यूजीसी गाइडलाइन के पांच साल बाद भी कॉलेजों में मापदंड के अनुसार शिक्षकां की व्यवस्था नहीं है। छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए इन कॉलेजों ने दर्जनों ऐसे विषय खोल लिए हैं जिनको पढ़ाने के लिए कॉलेजों में शिक्षक तक नहीं है। कॉलेजों ने काम चलाने के लिए यूजी-पीजी को फेकल्टी के रूप में रख लिया है। जबकि यूजी के कोड 28 के तहत पीएचडी या नेट क्वालीफाई शिक्षकां की भर्ती अनिवार्य है।

पूर्व में यूजीसी ने ऐसे कॉलेजों की मान्यता समाप्त करने के निर्देश दिए थे जिनमें मापदण्ड के अनुसार फेकल्टी नहीं है। साथ ही यह भी कहा था कि संबंधित कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों का स्थानांतरण दूसरे कॉलेजों में किया जाय। जिससे उन्हें गुणवात्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके। यूजीसी ने यह निर्देश 2016 में जारी किया था। जिसका पालन 2017-18 से किया जाना था। लेकिन हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के विवि को नोटिस जारी कर खानापूर्ति कर दी। विभाग ने यह जिम्मेदारी विवि को दी है कि वह संबद्ध कॉलेजों में फैकल्टी की शैक्षणिक गुणवत्ता की जांच करे।

क्या है कॉलेज कोड-28

यूजीसी ने सभी कॉलेजों में गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिए फेकल्टी की नियुक्तियों के लिए कॉलेज कोड-28 बनाया है। इसमें फेकल्टी की योग्यताएं तय की गई है। इनमें उन्हें नेट क्वालीफाइड या पीएचडी होना चाहिए। यह भी जरूरी है कि यूजीसी के नियम के तहत ही फेकल्टी की नियुक्ति हो और उन्हें वेतन भी उसी के अनुसार मिले।

Suyash Dubey | रीवा रियासत

Suyash Dubey | रीवा रियासत

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