मध्यप्रदेश

एमपी में भगवान श्रीकृष्ण की 16 कलाओं से युक्त मंदिर में बलदाऊ जन्मोत्सव की तैयारियां प्रारंभ

Sanjay Patel
2 Sep 2023 10:15 AM GMT
एमपी में भगवान श्रीकृष्ण की 16 कलाओं से युक्त मंदिर में बलदाऊ जन्मोत्सव की तैयारियां प्रारंभ
x
MP News: मध्यप्रदेश के पन्ना स्थित भगवान श्रीकृष्ण की 16 कलाओं से युक्त मंदिर में हलधर भगवान बलदाऊ का जन्मोत्सव मनाने की तैयारियां तेज कर दी गई हैं। बलदेव मंदिर में बलदाऊ का जन्मोत्सव 5 सितम्बर को धूमधाम से मनाया जाएगा।

मध्यप्रदेश के पन्ना स्थित भगवान श्रीकृष्ण की 16 कलाओं से युक्त मंदिर में हलधर भगवान बलदाऊ का जन्मोत्सव मनाने की तैयारियां तेज कर दी गई हैं। बलदेव मंदिर में बलदाऊ का जन्मोत्सव 5 सितम्बर को धूमधाम से मनाया जाएगा। जन्मोत्सव के दिन भगवान को रत्न जड़ित पोषाक पहनाई जाएगी। साथ ही जन्मोत्सव के पांचवें दिन चंगेल (पालना में भगवान के स्वरूप के साथ झांकी) निकाली जाएगी।

पुत्रवती माताएं बेटों के लंबी उम्र के लिए रखेंगी व्रत

पन्ना के प्रसिद्ध बलदेव मंदिर में हलधर भगवान बलदाऊ का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। आयोजन के मद्देनजर एक पखवाड़ा पूर्व से ही यहां पर तैयारियां तेज हो गई हैं। मंदिर को सजाने संवारने का कार्य भी तेजी से चल रहा है। पुत्रवती माताएं बेटों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखकर छठ मैया की पूजा करती हैं। बलदेव मंदिर को आकर्षक लाइटिंग से सजाया और संवारा जा रहा है।

5 सितंबर को मनाया जाएगा जन्मोत्सव

बलदेव मंदिर पन्ना में भंडारे के साथ कार्यक्रम का समापन होगा। मंदिर समिति द्वारा दी जानकारी के अनुसार भगवान बलदाऊ का जन्मोत्सव 5 सितम्बर को मनाया जाएगा। दोपहर में ठीक 12 बजे बैंड और आतिशबाजी के बीच पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बलदाऊ का प्रकटोत्सव मनाया जाएगा। 10 सितम्बर को छठी महोत्सव का आयोजन होगा जबकि 11 सितम्बर को भण्डारे का आयोजन होगा।

1876 में हुआ था मंदिर का निर्माण

मंदिर से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पन्ना में इस मंदिर का निर्माण 1876 में हुआ था। इसका निर्माण तत्कालीन पन्ना महाराज रुद्रप्रताप सिंह द्वारा कराया गया था। यह विशिष्ट मंदिर श्रीकृष्ण की 16 कलाओं से युक्त है। इसका बाह्य स्वरूप लंदन के प्रसिद्ध सेंटपॉल चर्च की प्रतिकृति माना जाता है। वहीं आंतरिक संरचना भगवान श्रीकृष्ण की 16 कलाओं पर आधारित है। यह मंदिर एक ऊंचे चबूतरे पर बनाया गया है। जिसके प्रवेश द्वार में 16 सीढ़ियां, 16 झरोखे, 16 गुंबद, 16 स्तंभ का विशाल मंडप है। मंदिर के शिखर पर सवा मन यानी कि 50 किलो सोने का कलश चढ़ाया गया था जो आज भी मंदिर की सुंदरता पर चार चांद लगा रहा है। यह स्थापत्य के अनुसार अपनी श्रेणी में पूर्व और पश्चिम की स्थापत्य कला के संयोग से बना दुर्लभ मंदिर माना जाता है।

Next Story