मध्यप्रदेश

एमपी के इटारसी में रेलवे माल गोदाम से बढ़ा प्रदूषण, जांच दल ने लोडिंग-अनलोडिंग पर लगाई रोक

Sanjay Patel
25 Dec 2022 8:59 AM GMT
एमपी के इटारसी में रेलवे माल गोदाम से बढ़ा प्रदूषण, जांच दल ने लोडिंग-अनलोडिंग पर लगाई रोक
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इटारसी शहर के बीचोंबीच बने रेलवे माल गोदाम से धूल प्रदूषण का ग्राफ बढ़ा है। संयुक्त जांच दल के निरीक्षण के दौरान यह बात सामने आई।

इटारसी शहर के बीचोंबीच बने रेलवे माल गोदाम से धूल प्रदूषण का ग्राफ बढ़ा है। संयुक्त जांच दल के निरीक्षण के दौरान यह बात सामने आई। जिस पर धूल प्रदूषण से क्षेत्र के रहवासियों को राहत दिलाने के लिए जांच दल ने लोडिंग-अनलोडिंग पर रोक लगा दी है। इस दौरान यह भी पाया गया कि रेलवे ने धूल रोकने कोई ठोस प्रयास नहीं किए जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है।

15 जनवरी तक लगाई रोक

बताया गया है कि रेलवे का यह माल गोदाम बहुत पुराना है। इस दौरान अब यहां घनी बस्ती हो गई। यहां उड़ती धूल लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रही है। जिस पर इटारसी के राहुल शर्मा द्वारा जनहित याचिका लगाई गई थी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने रेलवे के डीआरएम और जिला कलेक्टर को जांच करने के निर्देश दिए थे। एनजीटी के निर्देश के बाद प्रशासन और पीसीबी संयुक्त जांच दल ने 15 जनवरी तक खाद और सीमेंट की लोडिंग-अनलोडिंग रोकने की अनुशंसा की।

टीम ने देखी माल गोदाम की स्थिति

माल गोदाम की स्थिति का निरीक्षण नर्मदापुरम कलेक्टर की ओर से मनोनीत सदस्य एसडीएम एमएस रघुवंशी और मप्र प्रदूषण निवारण मंडल पीसीबी भोपाल से आए क्षेत्रीय अधिकारी अभय श्राफ की संयुक्त टीम द्वारा गत दिनों किया गया। इस दौरान टीम ने पाया कि रेलवे ने धूल रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। हालांकि गत दिनों नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से नोटिस मिलने के बाद रेलवे ने माल गोदाम में आनन-फानन में 20 फीट ऊंची दीवार उठाकर धूल के कारण रोकने सहित स्प्रिंकलर लगाने का काम प्रारंभ कर दिया गया है।

माल गोदाम शिफ्ट करने की अनुशंसा

संयुक्त जांच दल की रिपोर्ट में रेलवे ने 15 जनवरी तक माल गोदाम परिसर में उड़ती धूल को रोकने के सारे प्रबंध पूरे कर लेने की बात कही गई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी अभय श्राफ ने कहा कि इटारसी रेलवे माल गोदाम में ज्वाइंट कमेटी की रिपोर्ट में एनजीटी को हमने अनुशंसा की है कि धूल से प्रदूषण हो रहा है। जिससे रेलवे माल गोदाम को भविष्य में शिफ्ट करें। रिपोर्ट में निष्कर्ष में यह भी दिया कि वर्तमान में रेलवे गुड शेड की ओर से की जाने वाली लोडिंग-अनलोडिंग के दौरान वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और रोकने के लिए यहां कोई बुनियादी ढांचा के साथ पर्याप्त उपकरण भी मौजूद नहीं हैं।

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