मध्यप्रदेश

बड़ी खबर: पांढुर्ना, सौंसर, नांदनवाड़ी से मिलाकर बनेगा एमपी का 54वां जिला, सीएम शिवराज ने की घोषणा

Pandhurna Jila,Total Tehsil News
x
Pandhurna Jila,Total Tehsil News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री इस समय नए नए जिले बनाने की राह पर आगे बढ़ रहे हैं।

Pandhurna Jila,Total Tehsil News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री इस समय नए नए जिले बनाने की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। रीवा जिले से अलग कर मऊगंज तहसील को नया जिला बना दिया गया। अब छिंदवाड़ा में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पांढुर्ना को नया जिला बनाया जाएगा। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक है। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले मुख्यमंत्री की इस घोषणा के कई मायने निकाले जा रहे हैं। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के राजनैतिक किले को कमजोर करने एक बड़ा दाव चला है। अब देखना यह है कि इसका लाभ सत्ताधारी पार्टी को मिल पाता है। क्योंकि काफी समय से छिंदवाड़ा में कांग्रेस का राज्य चल रहा है।

पांढुर्णा का परिचय

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान छिंदवाड़ा के सौसर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान घोषणा करते हुए कहा कि छिंदवाड़ा से अलग होकर एक नया जिला पांढुर्ना बनेगा। मुख्यमंत्री की यह घोषणा लोगों को खुश करने वाली है। क्योंकि काफी समय से अलग जिले की मांग की जा रही थी। अब पांढुर्ना नया जिला बनने वाला है ऐसे में आवश्यक है कि हम पांढुर्णा के आर्थिक भौगोलिक तथा राजनीतिक स्थितियो के बारे में जानकारी एकत्र कर ले।

जानकारी के अनुसार पांढुर्ना जिला सौसर, पांढुर्णा और नंदीवाड़ी को मिलाकर मध्यप्रदेश का 54 वां नया जिला बनाया जाएगा। पांढुर्ना जिला बनने के बाद यहां की आर्थिक स्थिति क्या होगी अगर इस पर नजर दौड़ाई तो पता चलता है कि छिंदवाड़ा जिले का यह महत्वपूर्ण तहसील है। वर्तमान जिला मुख्यालय छिंदवाड़ा से पांढुर्ना की दूरी लगभग 95 किलोमीटर है। जान नदी पांढुर्ना की संपन्नता बढ़ा रही है।

अगर बात परिवहन के माध्यमों की करें तो यहां पर नेशनल हाईवे 69 है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे लोगों की यात्रा सुगम कर रहा है। यहा पर प्रसिद्ध गोटमार मेले का आयोजन यही किया जाता है। जामसांवली हनुमान मंदिर यहां पर अपनी छत्रछाया बनाए हुए हैं।

पांढुर्ना आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। यहां की आधी आबादी आदिवासियों की है। अगर जनसंख्या की बात करें तो पांढुर्णा की जनसंख्या 310472 बताई जाती है। भौगोलिक दृष्टिकोण से पांढुर्णा अलग जिला बनने के बाद स्थानीय स्तर पर काफी विकास होगा। लोगों को जिला मुख्यालय के लिए 90 किलोमीटर का सफर तय नहीं करना पड़ेगा।

कृषि की दृष्टि से है महत्वपूर्ण

पांढुर्ना कृषि की दृष्टि से बहुत महत्.वपूर्ण है। जानकारी के अनुसार यहां की जमीन में दलहन तिलहन के साथ ही हरी सब्जियों का भरपूर उत्पादन होता है। संतरा उत्पादन के क्षेत्र में पांढुर्ना का प्रमुख स्थान है। यहां मूंगफली, सोयाबीन, कपास, अरहर, मूंग, ज्वार, चना, गेहूं, मक्का, उड़द का भरपूर उत्पादन होता है। वही हरी सब्जी उत्पादन के मामले में पांढुर्ना अन्य स्थानों की तुलना में बहुत आगे है। बताया गया है कि यहां कद्दू, लौकी, बरबटी तथा अन्य हरी सब्जियों का भरपूर उत्पादन होता है। शहर के आसपास आयल मिल और धागा मिल संचालित हैं।

क्या होगी नई राजनैतिक अंकगणित

छिंदवाड़ा से अलग कर पांढुर्ना नया जिला बना दिया जाएगा। इसके बाद यहां के राजनैतिक स्थितियों में भी परिवर्तन होना स्वाभाविक है। माना जा रहा है कि अगर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पांढुर्णा को अलग जिला बनाने में सफल होते हैं तो आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को लाभ मिल सकता है।

वही बात अगर कांग्रेस की करें तो 1980 से छिंदवाड़ा में कांग्रेस की जबरदस्त पैठ है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का यह ग्रह जिला भी है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री के गढ़ पर सेंध लगाने के लिए सीएम का उठाया गया यह एक बड़ा कदम है। क्योंकि छिंदवाड़ा से पांढुरना अलग होने के पश्चात यहां की राजनीतिक स्थितियां भी बदल जाएंगे। माना जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को नई रणनीति के तहत काम करना पड़ेगा।

Next Story