मध्यप्रदेश

MP News: 20 रुपए फीस लेकर मरीजों का इलाज करने वाले डाॅक्टर को पद्मश्री, सीएम शिवराज ने किया सम्मानित

Sanjay Patel
26 Jan 2023 11:29 AM GMT
MP News: 20 रुपए फीस लेकर मरीजों का इलाज करने वाले डाॅक्टर को पद्मश्री, सीएम शिवराज ने किया सम्मानित
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एमपी जबलपुर में मामूली फीस लेकर मरीजों का इलाज करने वाले डाॅक्टर को भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया है। अवार्ड मिलने पर आज उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सम्मानित किया गया।

एमपी जबलपुर में मामूली फीस लेकर मरीजों का इलाज करने वाले डाॅक्टर को भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया है। अवार्ड मिलने पर आज उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सम्मानित किया गया। डाॅक्टर द्वारा सेना में भी अपनी सेवाएं दी जा चुकी हैं। डाॅक्टर को पद्मश्री मिलने की खबर सामने आने के बाद उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया।

मुख्यमंत्री ने किया सम्मान

जबलपुर के डाॅ. मुनीश्वर चंद्र डावर को भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। आज मुख्यमंत्री द्वारा भी उनका सम्मान किया गया। डाॅ. डावर ने बताया कि वह नहाकर कपड़े पहनने की तैयारी में थी। इतने में ही उन्हें दिल्ली से काल आ गया। जिसमें कहा गया कि बधाई हो आपको पद्मश्री के लिए सिलेक्ट किया गया है। इसके बाद उनके नाम की स्पेलिंग सहित अन्य जानकारियां भी पूछी गईं। बताया गया कि रात 8 बजे नाम की घोषणा कर दी जाएगी। आप किसी को मत बताइएगा किंतु उन्होंने इसकी जानकारी अपने बेटे को दे दी।

शुरुआत 2 रुपए फीस लेकर की थी

डाॅ. डावर के मुताबिक उनको कम फीस लेकर लोगों की सेवा करने की प्रेरणा टीचर तुलसीदास द्वारा दी गई थी। उनके द्वारा कहा गया था कि डाॅक्टर बनने के बाद किसी को निचोड़ना मत। जिसके बाद वह निरंतर समाजसेवा करते रहे। इस दौरान स्वास्थ्य के कारण अड़चने भी पैदा हुईं किन्तु उनके द्वारा किसी प्रकार का समझौता नहीं किया गया। उनके द्वारा मरीजों का उपचार 20 रुपए फीस लेकर किया जाता रहा। उन्होंने बताया कि अपनी फीस की शुरुआत उनके द्वारा 2 रुपए लेकर की गई थी। जिसके बाद 3 रुपए कर दिया गया। 1997 में 5 रुपए और 2012 में फीस बढ़ाकर 10 रुपए कर दी। अब उनके द्वारा 20 रुपए फीस ली जा रही है।

एमपी में पद्मश्री से ये भी नवाजे गए

मध्यप्रदेश में 83 वर्षीय चित्रकार जोधइया बाई गैग, झाबुआ के पति-पत्नी रमेश परमार और शांति परमार को भी पद्मश्री से नवाजा गया है। जोधइया बाई उमरिया के लोढ़ा की निवासी हैं। यह पढ़ी लिखी नहीं हैं किंतु दस साल में इन्होंने बैगा जनजाति की प्राचीन बैगिन चित्रकारी को दुनिया में प्रसिद्ध कर दिया। इन्हें राष्ट्रीय मातृ शक्ति पुरस्कार मिल चुका है। वहीं झाबुआ के रातीतलाई में रहने वाले कलाकार रमेश परमार और शांति परमार को आदिवासी गुड़िया बनाने पर संयुक्त रूप से पद्मश्री प्रदान किया गया है।

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