मध्यप्रदेश

MP में अब अवैध निर्माण करने वालो की खैर नहीं! 1 अप्रैल से चलाया जायेगा विशेष अभियान, चल सकता है 'मामा शिवराज का बुलडोजर'

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MP News: मध्य प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में हो रहे अवैध निर्माण तथा अनुमति के विरूद्ध अतिरिक्त निर्माण पर कार्यवाही का विशेष अभियान एक अप्रैल से

मध्य प्रदेश में अवैध निर्माण करने वाले लोगो की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। बता दें की प्रदेश के प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीरज मंडलोई ने सभी नगरीय निकायों को निर्देशित किया है कि अवैध निर्माण गतिविधियों पर विशेष अभियान चला कर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। बता दें की उन्होंने कहा कि कार्य-योजना बना कर एक अप्रैल से अभियान प्रारंभ करें।

नगरीय विकास एवं आवास के प्रमुख सचिव मंडलोई ने जानकारी देते हुए कहा कि शहरी क्षेत्रों के फैलाव और नये क्षेत्रों को जोड़े जाने से भवन निर्माण गतिविधियों में अत्यधिक वृद्धि हुई है। शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या वृद्धि से भी नये आवासों की संख्या में वृद्धि हो रही है। यह संज्ञान में आ रहा है कि भवन निर्माण कार्यों में से कई कार्य बिना अनुमति अथवा अनुमति के विरूद्ध अतिरिक्त निर्माण के रूप में किये जा रहे हैं, इससे शहरी क्षेत्रों में अवैध निर्माण कार्यों की संख्या में वृद्धि हो रही है तथा शहरों के सुनियोजित विकास में बाधा उत्पन्न हो रही है।

प्रमुख सचिव ने कहा कि शहरी क्षेत्र में 5 हजार वर्गफीट से अधिक सभी निर्माणाधीन / निर्मित भवनों की भवन अनुज्ञा का शत-प्रतिशत अनिवार्यतः निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि यह निर्माण कार्य नगरीय निकायों द्वारा प्रदत्त भवन अनुज्ञा के अनुसार ही हुआ है। अगर निर्माण कार्य बिना अनुमति अथवा अनुमति के विरूद्ध किया गया है, तो मध्यप्रदेश नगर निगम अधिनियम 1956 / मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 के प्रावधानों के तहत नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि जो प्रकरण कम्पाउंडिंग योग्य हैं, उनकी नियमानुसार कम्पाउंडिंग की जाये तथा जो प्रकरण कम्पाउंडिंग योग्य नहीं हैं, उन पर नियमानुसार अवैध निर्माण हटाने की कार्यवाही करें।

जानकारी के अनुसार नगरीय निकायों में जीआईएस सर्वे के माध्यम से वर्तमान सम्पत्तियों एवं नवीन सम्पत्तियों का चिन्हांकन किया जा रहा है। बताया गया है की सर्वे में निकाय के Base Map पर सभी सम्पत्तियों की जानकारी उपलब्ध है। अतः निकाय सुनिश्चित करें कि जितनी सम्पत्तियाँ सर्वे में पायी गयी हैं ,उन सभी सम्पत्तियों / भवनों की भवन अनुज्ञा ली गयी है और प्रदत्त भवन अनुज्ञा अनुसार ही निर्माण कार्य किया गया है।

वर्तमान में भवन अनुज्ञा के लिए संचालित ABPAS Software अंतर्गत यह देखने में आया है कि अधिकतर कम्पाउंडिंग / प्रशमन (Type-2 ) के प्रकरण नागरीकों द्वारा स्वतः ही आवेदन कर कराये गये हैं।

निकाय के भवन अनुज्ञा / अतिक्रमण से जुड़े अमलों द्वारा अवैध भवनों का चिन्हांकन कर कम्पाउंडिंग / प्रशमन की कार्यवाही काफी कम की गयी है। नगरीय विकास एवं आवास सचिव मंडलोई ने सभी निकाय अपने वार्ड प्रभारी / भवन अनुज्ञा प्रभारी / अतिक्रमण प्रभारी को स्वमेव अवैध निर्माण का चिन्हांकन कर कम्पाउंडिंग / प्रशमन की कार्यवाही के लिए निर्देशित करने के लिए कहा है ।

समस्त कार्यवाही ABPAS Software से ही की जाना अनिवार्य है। सभी नगरीय निकाय उनके द्वारा की गयी कार्यवाही को ऑनलाईन सॉफ्टवेयर के माध्यम से संचालित करें।

प्रमुख सचिव श्री मंडलोई ने कहा कि निर्देशों का कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित करें। साथ ही समस्त नगरीय निकाय यह भी सुनिश्चित करें कि शहरी क्षेत्र की सीमा में कोई भी नवीन भवन निर्माण बिना भवन अनुज्ञा के नहीं किया जाय।

Suyash Dubey | रीवा रियासत

Suyash Dubey | रीवा रियासत

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