मध्यप्रदेश

एमपी के स्टेट हाईवे में भी अब फास्टैग होगा अनिवार्य, कैश पेमेंट में दोगुना देना होगा टोल

Sanjay Patel
22 July 2023 6:42 AM GMT
एमपी के स्टेट हाईवे में भी अब फास्टैग होगा अनिवार्य, कैश पेमेंट में दोगुना देना होगा टोल
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MP News: नेशनल हाईवे जैसा नियम अब मध्यप्रदेश के स्टेट हाईवे में भी लागू होगा। यदि आपके वाहन में फास्टैग नहीं है तो आपको चपत लग सकती है। कैश पेमेंट में आपको दोगुना टोल अदा करना होगा।

नेशनल हाईवे जैसा नियम अब मध्यप्रदेश के स्टेट हाईवे में भी लागू होगा। यदि आपके वाहन में फास्टैग नहीं है तो आपको चपत लग सकती है। कैश पेमेंट में आपको दोगुना टोल अदा करना होगा। अभी राज्य के टोल प्लाजा में फास्टैग के अलावा एक कैश लेन भी होती है। जिन वाहनों में फास्टैग नहीं रहता वह कैश पेमेंट कर सकते हैं। वर्तमान समय पर कैश व फास्टैग दोनों का चार्ज एक ही लगता है।

नेशनल हाईवे जैसा होगा नियम

मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन अब इंडियन हाईवे मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (आईएचएमसीएल) की गाइड लाइन फॉलो करेगा। नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा में फास्टैग नहीं होने की स्थिति में चालक को दोगुना चार्ज देना पड़ता है। इसी तरह की व्यवस्था एमपी के टोल प्लाजा में भी लागू होगी। अभी राज्य के टोल प्लाजा में फास्टैग नहीं होने की स्थिति में उतनी ही राशि कैश पेमेंट में ली जाती है। किंतु नई व्यवस्था के तहत वाहनों में फास्टैग नहीं होने पर वाहन चालकों को दोगुनी राशि जमा करनी होगी। जहां का टोला 50 रुपए लगता है वहां कैश पेमेंट देने पर 100 रुपए चार्ज देना पड़ेगा।

सितम्बर महीने से लागू होगी व्यवस्था

एमपी के स्टेट हाईवे में अब नेशनल हाईवे जैसे नियम लागू होंगे। आगामी सितम्बर माह से यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। वाहनों में फास्टैग नहीं होने पर कैश पेमेंट में दोगुनी राशि जमा करनी पड़ेगी। फास्टैग के लिए अब केवायसी अपडेट भी हो रहा है। इससे संबंधित व्यक्ति की पूरी जानकारी भी उपलब्ध रहती है। अधिकारियों का कहना है कि फास्टैग से वाहनों की ट्रेसिंग और उनके आने-जाने का रिकार्ड भी उपलब्ध रहता है।

एमपी में 118 टोल प्लाजा

एमपीआरडीसी के अधिकारियों के मुताबिक एमपी में 118 टोल प्लाजा हैं। जिनमें से रोजाना 20 हजार से अधिक वाहनों की आवाजाही होती है। इनसे सालाना 500 करोड़ से अधिक का कलेक्शन होता है। देश में नेशनल हाईवे पर फास्टैग फरवरी 2021 से अनिवार्य किया गया था। वर्तमान में नेशनल इलेक्ट्रानिक टोल कलेक्शन प्रोग्राम 1200 से अधिक टोल प्लाजा पर लागू हैं। जिनमें से 95 लाख ट्रांजेक्शन प्रतिदिन होता है। जिनसे 150 करोड़ रुपए से अधिक का कलेक्शन रोजाना होता है। फास्टैग से यह फायदा होता है कि टोल प्लाजा पर वाहनों की लंबी कतार नहीं लगती। कम समय लगने से यात्री अपने गंतव्य तक जल्दी पहुंच जाते हैं।

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