मध्यप्रदेश

एमपी में 5वीं और 8वीं की परीक्षा को लेकर नया अपडेट, हाईकोर्ट पहुंचा मामला

MP Board Exam 2023 News
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MP Board Exam: मध्यप्रदेश में इस बार पांचवी और आठवीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर कराने का निर्णय लिया गया है.

MP Board Exam: मध्यप्रदेश में इस बार पांचवी और आठवीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर कराने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए नियम निर्देश भी जारी किए जा चुके हैं। इस संबंध में कुछ खास संशोधन भी किए हैं। लेकिन प्राइवेट स्कूलों की एक यूनियन ने हाईकोर्ट में पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षा न करवाने के लिए याचिका लगाई है। याचिका में पांचवी और आठवीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर करवाने को गलत निर्णय बताया गया है।

छात्रों में बढ़ेगा दबाव

मध्य प्रदेश प्रांतीय अशासकीय शिक्षण संस्थान संघ के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि आठवीं और पांचवी की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर कराने का निर्णय गलत है। इससे छात्रों में भय का वातावरण निर्मित हो रहा है। छात्र पिछले 2 वर्षों से कोरोनावायरस से परेशान थे। विद्यालय बंद थे। ऑनलाइन माध्यम से या शासकीय शिक्षक घर घर जाकर बच्चों को पढ़ा रहे थे।

कोरोना के समय में बच्चों की शिक्षा काफी प्रभावित हुई है। ऐसे में बोर्ड परीक्षा का लिया गया निर्णय छात्रों पर अनावश्यक दबाव बढ़ा रहा है। कोरोना के पूर्व तक पांचवी और आठवीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर नहीं हो रही थी। ऐसे में अब अचानक छात्र मानसिक दबाव महसूस कर रहे हैं।

मध्य प्रदेश प्रांतीय अशासकीय शिक्षण संस्था संघ ने दोनों कक्षाओं की बोर्ड परीक्षा स्थगित करने के लिए हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की है।

संघ का यह भी कहना है कि इस शैक्षणिक सत्र में पांचवी और आठवीं की परीक्षा बोर्ड आधारित न हो। इसे अगले शैक्षणिक सत्र से लागू किया जाना छात्रों के हित में होगा।

स्कूल शिक्षा विभाग ने एक ओर जहां पांचवी और आठवीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर करवाने का निर्णय लिया है। मध्यप्रदेश में इस बार पांचवी और आठवीं की परीक्षा होम एग्जाम नहीं होगी। अब बच्चों को बोर्ड की परीक्षा के अनुरूप पूर्व की भांति परीक्षा में शामिल होना होगा।

13 वर्ष बाद बदला पैटर्न

जानकारी के अनुसार 13 वर्ष पूर्व तक आठवीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न हुआ करती थी। वर्ष 2008 में एमपी बोर्ड में आठवीं और पांचवी को बोर्ड पैटर्न से अलग कर दिया। छात्र गृह परीक्षा देने लगे। लेकिन देखा गया कि छात्र 9वी और 10वीं में आकर रुकने लगे। प्राथमिक बोर्ड समाप्त होने से छात्रों को अचानक 10वीं बोर्ड का समना करने में मांशिक दबाव दिखा।

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