मध्यप्रदेश

एमपी के इटारसी में डेढ़ करोड़ की लागत से बच्चों के लिए बनेगी नई चिकित्सा यूनिट

Sanjay Patel
8 Dec 2022 11:14 AM GMT
एमपी के इटारसी में डेढ़ करोड़ की लागत से बच्चों के लिए बनेगी नई चिकित्सा यूनिट
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इटारसी के सरकारी अस्पताल में बच्चों के लिए नई चिकित्सा यूनिट बनाने की कवायद प्रारंभ कर दी गई है। डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से इस यूनिट का निर्माण किया जाएगा।

इटारसी के सरकारी अस्पताल में बच्चों के लिए नई चिकित्सा यूनिट बनाने की कवायद प्रारंभ कर दी गई है। डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से इस यूनिट का निर्माण किया जाएगा। जिससे गंभीर बच्चों को आसानी के साथ ही उनको आधुनिक इलाज की सुविधा मुहैया हो सकेगी। गौरतलब है कि विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने नए पीआईसीयू के लिए निर्माण कार्य जल्द प्रारंभ करने के निर्देश दिए थे। निर्देश के बाद अधिकारियों ने ले-आउट का कार्य पूर्ण कर लिया है। जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।

पीआईसीयू की होगी स्थापना

बच्चों के लिए नई चिकित्सा यूनिट बनाने के लिए ले-आउट का कार्य कार्यपालन यंत्री शशि कुमार बंसल और सहायक यंत्री धीरेन्द्र कुमार जैन ने पूरा किया। सरकारी अस्पताल में इसके निर्माण के बाद बच्चों को जीवन रक्षक इकाई की सुविधा मिल सकेगी। भवन तैयार होने के बाद तकरीबन 1 करोड़ 68 लाख रुपए की लागत से शिशु गहन चिकित्सा केन्द्र (पीआईसीयू) की स्थापना परिसर में ही की जाएगी। अभी तक यहां केवल नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) का ही संचालन हो रहा है। यहां केवल एक माह की आयु के ही बच्चों को इलाज के लिए रखा जा सकता है। जबकि पीआईसीयू की स्थापना होने के बाद यहां एक माह से 12 वर्ष तक के बच्चों को इसका लाभ मिलने लगेगा। जिससे उन्हें बेहतर इलाज की सुविधा मुहैया हो सकेगी।

पीआईसीयू में रहेगी यह सुविधा

पीआईसीयू का संचालन बड़े शहरों के निजी अस्पतालों में ही होता है। हालांकि यहां जिला अस्पताल में भी पीआईसीयू का संचालन किया जा रहा है। किन्तु गंभीर स्थिति में बच्चों को रेफर करना कठिन होता है। ऐसे में अस्पताल परिसर में पीआईसीयू का निर्माण किया जा रहा है। चिकित्सकों की मानें तो इस इकाई में 12 वर्ष तक के बच्चों को आधुनिक उपचार सुविधा मिल सकेगी। जिसमें बच्चों को निमोनिया, झटके लगना, डिहाइड्रेशन अथवा किसी भी इमरजेंसी में अत्याधुनिक मशीनों में तापमान बनाकर रखा जा सकेगा। पीआईसीयू में सक्शन मशीन, ऑक्सीजन मशीन, पल्स हार्ट मीटर, सेंट्रल ऑक्सीजन सप्लाई, मॉनीटर, बच्चों के बीपी-शुगर यंत्र समेत बच्चों के इलाज में काम आने वाली अत्याधुनिक मशीनें मौजूद रहेंगी। इस यूनिट के स्थापित होने के बाद अत्याधुनिक उपचार की सुविधा जहां बच्चों को मुहैया होगी तो वहीं शिशु मृत्य दर पर भी अंकुश लग सकेगा।

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