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MP: छात्र के स्कूल बैग में रखा था विस्फोटक, धमाका होता तो उड़ जाता स्कूल भवन
जबलपुर। जबलपुर से सिवनी पहुंची बम डिस्पोजल एंड डॉग स्क्वाड (बीडीडीएस) टीम ने डेटोनेटर को खोजकर निष्क्रिय किया उसके बाद मटामा के प्राथमिक विद्यालय में चहल पहल लौट पाई। दरअसल, सोमवार को स्कूल जाते समय सड़क किनारे मिले दो डेटोनेटर को एक छात्र ने अपने बैग में रख लिया था। डेटोनेटर से निकले दो तारों को उन्होंने एक पेंसिल सेल से जोड़ने की कोशिश की थी। इस दौरान हुए विस्फोट में तीन बच्चे घायल हो गए थे। छात्रों ने पुलिस को जानकारी दी थी कि एक और डेटोनेटर क्लास रूम में रखा है। इस सूचना के बाद विद्यालय के शिक्षक व अन्य विद्यार्थी दहशत में आ गए और घटनास्थल को सील कर दिया गया। सोमवार शाम करीब 4 बजे जबलपुर से पहुंची बीडीडीएस टीम ने स्कूल का ताला खोला और एक विद्यार्थी के स्कूल बैग में रखे जिंदा डेटोनेटर को जब्त कर उसे निष्क्रिय किया। डेटोनेटर के नमूने सिवनी पुलिस को सौंप दिए गए।
धमाके से किताब के टुकड़े हुए खदानों में इस्तेमाल किया जाने वाला डेटोनेटर कितना घातक था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस किताब पर रखकर उसके तार बैटरी से जोड़कर ब्लास्ट किया गया था वह कई टुकड़ों में बंट गया। बीडीडीएस टीम जब क्लास रूम में पहुंची तो खून के छींटे मिले और किताब के पन्ने के टुकड़े बिखरे पड़े थे।
चिकित्सक न होने के कारण एक छात्र को मेडिकल भेजा हादसे में चौथी कक्षा के तीन विद्यार्थी मालती साहू (9), अखिलेश झारिया (9) व मुकेश मरावी (8) घायल हुए थे। डेटोनेटर में धमाके के कारण अखिलेश की आंख पर चोट लगी थी। सिवनी जिला अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ न होने के कारण उसे जबलपुर मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय रेफर किया गया।
तो धमाके में उड़ सकता था स्कूल भवन खदानों में विस्फोट के लिए उपयोग किया जाने वाले डेटोनेटर में विस्फोट होता तो बड़े हादसे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। बीडीडीएस अधिकारियों ने बताया कि जिस डेटोनेटर से हादसा हुआ उसमें पूरी क्षमता से विस्फोट नहीं हो पाया था। जिससे बड़ी घटना टल गई।
सिवनी के मटामा प्राथमिक विद्यालय में विस्फोट की सूचना पर जबलपुर से बीडीडीएस टीम को भेजा गया था। क्लास रूम की जांच की गई तो एक विद्यार्थी के स्कूल बैग में जिंदा डेटोनेटर मिला जिसे निष्क्रिय कर दिया गया। - पंकज सिंह, प्रभारी, बीडीडीएस