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MP में बारिश का 'स्ट्रॉन्ग सिस्टम' कमजोर: रविवार को 9 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट! जानिए आपके शहर के मौसम का हाल

मध्य प्रदेश में बारिश का 'स्ट्रॉन्ग सिस्टम' अब कमजोर हो गया है, जिसके चलते पिछले चार दिनों से प्रदेश के कुछ ही जिलों में हल्की बारिश का दौर चल रहा है. इस बदलाव से लोगों को थोड़ी राहत मिली है, लेकिन रविवार को एक बार फिर से मौसम का मिजाज बदलने की संभावना है. मौसम विभाग ने रविवार, 3 अगस्त को ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग के 9 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है. यह मौसम अगले दो दिनों तक इसी तरह का बना रहेगा.
मध्य प्रदेश में आज कहाँ बारिश होगी? 9 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट
- संभाग: ग्वालियर, चंबल और सागर
- जिले: ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, शिवपुरी, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़ और छतरपुर.
मौसम विभाग के अनुसार, इन जिलों में अगले 24 घंटे में साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है, जिससे निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन सकती है. प्रदेश के अन्य जिलों में भी गरज-चमक के साथ हल्की बारिश का येलो अलर्ट जारी है.
इससे पहले, बीते कुछ दिनों में टीकमगढ़, गुना, नर्मदापुरम, छतरपुर के नौगांव, रीवा, सागर, सतना, सीधी और उमरिया समेत कई जिलों में हल्की बारिश हुई थी. टीकमगढ़ में आधा इंच से ज्यादा पानी गिरा था.
4 अगस्त को ऐसा रहेगा मौसम
भारी बारिश का यलो अलर्ट: ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, शिवपुरी, दतिया, निवाड़ी, छतरपुर और टीकमगढ़। यहां अगले 24 घंटे में साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है।
हल्की बारिश का अलर्ट: प्रदेश के अन्य जिलों में गरज-चमक और हल्की बारिश का यलो अलर्ट है।
5 अगस्त को हल्की बारिश का अलर्ट
हल्की बारिश का अलर्ट: प्रदेश के सभी जिलों में गरज-चमक और हल्की बारिश का अलर्ट है।
मध्य प्रदेश में बाढ़ की स्थिति क्या है?
पिछले सप्ताह प्रदेश में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए थे. खासकर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों, यानी जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग में मानसून जमकर मेहरबान रहा था. रायसेन में बेतवा नदी ने अपना विकराल रूप दिखाया था, जिससे खेत, मंदिर और पुल पानी में डूब गए थे. हालांकि पिछले दो दिनों से बारिश थमी हुई है, लेकिन नर्मदा नदी अभी भी उफान पर है और कई डैम ओवरफ्लो हैं, जिसके कारण उनके गेट खोले गए हैं.
मध्य प्रदेश में बारिश का सिस्टम क्यों कमजोर हुआ?
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि प्रदेश में बारिश का 'स्ट्रॉन्ग सिस्टम' कमजोर हो गया है. इसका मुख्य कारण यह है कि साइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ प्रदेश के ऊपरी हिस्से में है, जिसका असर प्रदेश के बाकी हिस्सों में कम रहा है. हालांकि, अगले दो दिनों तक उत्तरी हिस्से में तेज बारिश हो सकती है.
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