मध्यप्रदेश

MP मौसम: रीवा समेत 11 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, 1 जुलाई से 'अति भारी' वर्षा का दौर

MP मौसम: रीवा समेत 11 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, 1 जुलाई से अति भारी वर्षा का दौर
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मध्य प्रदेश के ग्वालियर, चंबल, रीवा और शहडोल संभाग के 11 जिलों में रविवार को भारी बारिश की संभावना है। 1 जुलाई से एक मजबूत सिस्टम के कारण आधे से ज़्यादा जिलों में अति भारी वर्षा की चेतावनी है।

मध्य प्रदेश में मानसून का असर तेज़ हो गया है। ग्वालियर, चंबल, रीवा और शहडोल संभाग के 11 जिलों में रविवार को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 24 घंटे के दौरान इन क्षेत्रों में साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है। वहीं, 1 जुलाई से एक स्ट्रॉन्ग सिस्टम बनने की संभावना है, जिससे प्रदेश के आधे से ज़्यादा जिलों में अति भारी या भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।

मौसम विभाग के अनुसार, रविवार को जिन जिलों में भारी बारिश का अनुमान है, उनमें गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, मंडला और बालाघाट शामिल हैं। इसके अलावा, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत अन्य जिलों में बारिश के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है।

अगले 4 दिन ऐसा रहेगा मौसम

29 जून: गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, मंडला और बालाघाट में भारी बारिश का अलर्ट है। वहीं, भोपाल, सीहोर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत अन्य जिलों में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है।

30 जून: ग्वालियर, भिंड, दतिया, शिवपुरी, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, सतना, पन्ना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, मंडला, सिवनी और बालाघाट में भारी बारिश का अलर्ट है। अगले 24 घंटे में बाढ़ आ सकती है। इन जगहों पर पानी गिर सकता है। भोपाल, जबलपुर, इंदौर-उज्जैन समेत अन्य जिलों में बारिश का यलो अलर्ट है।

1 जुलाई: गुना, शिवपुरी, श्योपुर, मंडला, बालाघाट और पचमढ़ी में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। 24 घंटे के दौरान इन जिलों में 8 इंच तक बारिश हो सकती है। भिंड, दतिया, ग्वालियर, अशोकनगर, विदिशा, राजगढ़, शाजापुर, सीहोर, हरदा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, अनूपपुर, शहडोल, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, रीवा, मऊगंज, पन्ना, मेहर और सिंगरौली में भारी बारिश की संभावना है। बाकी जिलों में भी बारिश का दौर बना रहेगा।

2 जुलाई: नीमच, मंदसौर, सिवनी, मंडला और बालाघाट में अति भारी बारिश का अलर्ट है। श्योपुर, शिवपुरी, गुना, आगरा-मालवा, उज्जैन, रतलाम, झाबुआ, पचमढ़ी, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, जबलपुर, कटनी, सागर, दमोह, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, मेहर, अमरकंटक, शहडोल, डिंडोरी और अनूपपुर में भारी बारिश होने की संभावना है।

सक्रिय मौसम प्रणालियों का प्रभाव

सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि गुजरात के सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में एक कम दबाव का क्षेत्र (लो प्रेशर एरिया) सक्रिय हो गया है, जिसका असर अगले 1-2 दिनों में मध्य प्रदेश में भी देखने को मिलेगा। इसके साथ ही, प्रदेश में अभी भी टर्फ की एक्टिविटी बनी हुई है। यह टर्फ जिन हिस्सों से गुज़र रही है, वहाँ भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम भी सक्रिय है। इन सभी मौसमी प्रणालियों के कारण मध्य प्रदेश में अच्छी बारिश हो रही है।

शनिवार को भी प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश दर्ज की गई। सतना के चित्रकूट में तेज़ बारिश हुई, जबकि सीधी में सवा इंच से ज़्यादा पानी गिरा। छतरपुर के खजुराहो और नौगांव में भी आधा इंच से ज़्यादा बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार को दतिया, गुना, ग्वालियर, इंदौर, भोपाल, रतलाम, शिवपुरी, उज्जैन, खजुराहो, नौगांव, बालाघाट, बुरहानपुर, सीहोर, बड़वानी, डिंडौरी, शाजापुर, आगर-मालवा और देवास समेत कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई।

1-2 जुलाई को अति भारी बारिश की चेतावनी

मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए प्रदेश में बारिश की तीव्रता बढ़ने की चेतावनी दी है:

1 जुलाई को: 6 जिलों में अति भारी बारिश और 26 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट।

2 जुलाई को: 5 जिलों में अति भारी बारिश और 25 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट।

यह चेतावनी दर्शाती है कि आगामी दिनों में जल-जमाव और निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है, जिसके लिए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

इस बार मानसून की अनोखी चाल

इस साल देशभर में मानसून 8 दिन पहले ही आ गया था। मध्य प्रदेश में इसके जून के पहले सप्ताह में पहुंचने का अनुमान था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। करीब 15 दिनों तक मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह ठहरा रहा, जिसकी वजह से मध्य प्रदेश में इसकी एंट्री में देरी हुई। आखिरकार, 13-14 जून को मानसून आगे बढ़ा और मध्य प्रदेश में सामान्य तारीख से 1 दिन की देरी से पहुंचा।

हालांकि, मध्य प्रदेश में प्रवेश के बाद, मानसून ने तेज़ी पकड़ी और सिर्फ 3 दिनों में ही प्रदेश के 53 जिलों को कवर कर लिया। एक दिन के ठहराव के बाद, बाकी बचे 2 जिले - भिंड और मऊगंज - में भी मानसून ने दस्तक दे दी। इस तरह, मानसून ने कुल 5 दिनों में पूरे प्रदेश को कवर कर लिया। मध्य प्रदेश में मानसून के प्रवेश की सामान्य तारीख 15 जून है, जबकि पिछले साल यह 21 जून को एंटर हुआ था। मानसून के सक्रिय होने के बाद से ही पूरे प्रदेश में तेज़ बारिश का दौर चल रहा है। ऐसे में उम्मीद है कि जून की सामान्य बारिश का आंकड़ा इस बार पार हो जाएगा।

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