मध्यप्रदेश

MP Uparjan 2023 New Rules: एमपी के लाखो किसानो के लिए जरूरी सूचना, उपार्जन के लिए नई व्यवस्था वर्ष 2023 हुई लागू, जानें नए नियम

MP Uparjan 2023 In Hindi
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MP Uparjan 2023 In Hindi: मध्य प्रदेश राज्य शासन (MP Government) के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने रबी विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर गेहूं के उपार्जन हेतु किसान पंजीयन की अवधि 28 फरवरी से 5 मार्च तक बढ़ा दी है।

MP Uparjan 2023 In Hindi: मध्य प्रदेश राज्य शासन (MP Government) के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने रबी विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर गेहूं के उपार्जन हेतु किसान पंजीयन की अवधि 28 फरवरी से 5 मार्च तक बढ़ा दी थी। अब किसान चना, सरसों और मसूर के उपार्जन हेतु पंजीयन 10 मार्च तक करा सकते हैं। आपूर्ति नियंत्रक कमलेश तांडेकर ने यह जानकारी देते हुए किसानों से अपना पंजीयन नजदीकी पंजीयन केन्द्र पर जाकर अथवा एमपी किसान एप के माध्यम से कराने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि किसान उपार्जन हेतु अपना पंजीयन एम पी ऑनलाइन कियास्क, सीएससी एवं जन सेवा केन्द्रों के माध्यम से भी करा सकेंगे।

चना, सरसों और मसूर के उपार्जन हेतु पंजीयन अब 10 मार्च तक

बता दें की राज्य शासन के किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग द्वारा केन्द्र शासन की प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत रबी विपणन वर्ष 2023-24 में ई-उपार्जन पोर्टल पर चना, मसूर, सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जन हेतु पंजीयन की अवधि 25 फरवरी से बढ़ाकर 10 मार्च कर दी गई है।

जाने नई उपार्जन निति के बारे में

प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण फैज़ अहमद किदवई ने बताया कि रबी विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर गेंहूँ उपार्जन की प्रक्रिया को और अधिक सरल किया गया है। अभी तक किसानों को स्वयं पंजीयन के लिए आना पड़ता था। नई नीति में किसान स्वयं के मोबाईल अथवा कम्प्यूटर से एवं कियोस्क पर शुल्क देकर पंजीयन करा सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस संबंध में सभी कलेक्टर को पत्र भेजकर प्रक्रिया से अवगत कराया गया है।

नि:शुल्क एवं सशुल्क होगा पंजीयन

प्रमुख सचिव श्री किदवई ने बताया कि उपार्जन के लिए पंजीयन की नि:शुल्क एवं सशुल्क दोनों ही व्यवस्था रखी गई है। नि:शुल्क व्यवस्था में किसान स्वयं के मोबाईल से निर्धारित लिंक पर, ग्राम एवं जनपद पंचायत, तहसील एवं सहकारी समिति के सुविधा केंद्रों पर जाकर नि:शुल्क पंजीयन करा सकेंगे। ऐसे किसान जो स्वयं पंजीयन नहीं करा सकते, वे कियोस्क के माध्यम से अधिकतम शुल्क 50 रूपये देकर एम पी ऑन लाईन या कॉमन सर्विस सेंटर, लोकसेवा केंद्र अथवा निजी साइबर कैफे के माध्यम से अपना पंजीयन करा सकेंगे। इस व्यवस्था से अब उन्हें लंबी लाइनों में इंतजार नहीं करना होगा। सिकमी एवं बटाईदार एवं वन पटटाधारी किसान केवल सहकारी समिति स्तर पर स्थित पंजीयन केंद्रों पर ही पंजीयन करा सकेंगे।

एसएमएस प्राप्ति की अनिवार्यता समाप्त

उपार्जन केन्द्र पर जाकर फसल बेचने के लिए एसएमएस की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। अभी तक किसान एसएमएस पर प्राप्ति तिथि पर ही अपनी फसल उपार्जन केन्द्र पर बेच सकता था। परिवर्तित व्यवस्था में निर्धारित पोर्टल से नजदीक के उपार्जन केन्द्र,तिथि और समय स्लॉट का स्वयं चयन कर सकेंगे।स्लॉट का चयन उपार्जन प्रारंभ होने की तिथि से एक सप्ताह पूर्व तक किया जा सकेगा।

भुगतान व्यवस्था भी हुई अपग्रेड

नवीन व्यवस्था में किसानों को उपार्जित फसल का भुगतान अब उनके आधार नंबर से लिंक खाते में सीधे प्राप्त होगा। इससे बैंक खाता नंबर और आईएफएससी कोड की प्रविष्टि में त्रुटि से भुगतान में होने वाली असुविधा समाप्त हो जाएगी। किसान को अपने आधार नंबर से बैंक खाता और मोबाईल नंबर को लिंक कराकर उसे अपडेट रखना होगा। किसान आधार पंजीयन केंद्र पर मोबाईल नंबर की प्रविष्टि करा सकेंगे।

आधार नंबर का वेरिफिकेशन हुआ अनिवार्य

पंजीयन कराने और फसल बेचने के लिए आधार नंबर का वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा। वेरीफिकेशन आधार नंबर से लिंक मोबाईल नंबर पर प्राप्त ओटीपी या बोयामेट्रिक डिवाईस से किया जा सकेगा। पंजीयन के लिए अनिवार्य होगा कि भू-अभिलेख में दर्ज खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा।

श्री किदवई ने बताया कि संशोधन संबंधी विस्तृत विवरण सभी कलेक्टर्स को पत्र के माध्यम से भेजे गए हैं। किसान अपने जिले के कलेक्टर कार्यालय से प्रक्रिया के संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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