मध्यप्रदेश

बड़ी खबर: एमपी ट्रांसफर पॉलिसी 2023 तैयार, जल्द अधिकारीयों-कर्मचारियों के ताबड़तोड़ तबादले होंगे शुरू

MP Transfer Policy 2023
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MP Employees Transfer 2023: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव (MP Vidhan Sabha Elections 2023) के हिसाब से सरकार अधिकारियों-कर्मचारियों का स्थानांतरण (MP Government Employees Transfer) करेगी।

MP Employees Transfer 2023: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव (MP Vidhan Sabha Elections 2023) के हिसाब से सरकार अधिकारियों-कर्मचारियों का स्थानांतरण (MP Government Employees Transfer) करेगी। इसमें ऐसे अधिकारी-कर्मचारी को हटाया जाएगा, जिनकी पदस्थापना को एक स्थान पर तीन साल पूरे हो चुके हैं।

जानकारी के अनुसार अक्टूबर में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी और चुनाव आयोग सभी प्रमुख विभागों से यह प्रमाण पत्र लेगा कि उनके यहां ऐसा कोई भी अधिकारी तो पदस्थ नहीं है, जिसे एक स्थान पर तीन साल पूरे हो गए हैं। बता दें की यदि ऐसा पाया जाता है तो फिर उसे हटाना पड़ेगा और सरकार अपनी पसंद से पदस्थापना भी नहीं कर पाएगी। बता दें की सामान्य प्रशासन विभाग ने वर्ष 2023 की तबादला नीति (MP Transfer Policy 2023) के प्रारूप में इसका प्रविधान प्रस्तावित किया है। इस पर अंतिम निर्णय कैबिनेट बैठक में लिया जाएगा।

अभी संभावना जताई जा रही है कि अक्टूबर में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है। इसके पहले सितंबर में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण का काम होगा। बता दें की इसमें कलेक्टर कमिश्नर, अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और 64,100 बूथ लेवल आफिसर की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। विधानसभा चुनाव के दौरान सूची का कार्य प्रभावित न हो इसलिए इनके तबादलों पर प्रतिबंध लग जाएगा। इसे देखते हुए मध्य प्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग (Madhya Pradesh General Administration Department) ने तबादला नीति का प्रारूप तैयार किया है।

बता दें की इसमें विभागों को निर्वाचन कार्य से जुड़े अधिकारियों- कर्मचारियों के ट्रांसफर को तवज्जो दिया जायेगा क्योंकि इलेक्शन से जुड़े कार्यों की प्रक्रिया प्रारंभ होने के बाद इन्हें आयोग की अनुमति के बिना नहीं हटाया जा सकेगा। बताया जा रहा है की इसके साथ ही नेताओं के रिश्तेदारों को भी अभी अन्यत्र पदस्थ कर दिया जाएगा ताकि आचार संहिता लागू होने के बाद शिकायतें न हों। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि प्रशासनिक कार्यों में अभी हमारा कोई दखल नहीं है। जब मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम होगा, तब जरूर इससे संबद्ध अधिकारियों-कर्मचारियों को बिना अनुमति नहीं हटाया जा सकेगा। पदस्थापना को लेकर चुनाव आयोग के स्थायी आदेश हैं, जिनका पालन सुनिश्चित कराया जाएगा।

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