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MP में सोयाबीन किसानों को मिलेगा MSP के बराबर दाम: 13 नवंबर को 1.50 लाख किसानों के खाते में डलेगी भावांतर की राशि

रीवा किसान समाचार
सोयाबीन किसानों को राहत: भावांतर मॉडल रेट घोषित, एमएसपी के बराबर दाम मिलेंगे; 13 नवंबर से राशि ट्रांसफर
मध्य प्रदेश में सोयाबीन की खरीद समर्थन मूल्य (MSP) पर भले ही सीधे नहीं हो रही है, लेकिन किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार की भावांतर भुगतान योजना के तहत किसानों को सोयाबीन का दाम एमएसपी के बराबर ही मिलेगा। सरकार द्वारा घोषित पहले मॉडल रेट के अनुसार, 15 दिनों के भीतर जो सोयाबीन मंडियों में बिकी है, उसका औसत 4000 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक निकला है। ऐसे में किसानों को मॉडल रेट और समर्थन मूल्य ₹5328 के बीच का अंतर राशि के रूप में प्रदान किया जाएगा।
कितना लाभ मिलेगा?
किसानों को प्रति क्विंटल ₹1300 तक का भावांतर लाभ मिल सकता है। इसका मतलब यह है कि यदि किसान ने अपनी उपज कम कीमत में बेची है, तो राज्य सरकार नुकसान की भरपाई करेगी और उसे बाजार भाव और एमएसपी के बीच की राशि खाते में जमा की जाएगी।
13 नवंबर को पैसा आएगा किसानों के खाते में
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि किसानों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। भावांतर के तहत तय रेट के हिसाब से किसानों को एमएसपी के बराबर दाम मिलेंगे। उन्होंने बताया:
"किसी किसान का नुकसान नहीं होगा। 13 नवंबर को 1.50 लाख किसानों के बैंक खातों में भावांतर की राशि ट्रांसफर की जाएगी।"
मॉडल रेट कैसे तय हुआ?
राज्य सरकार हर 15 दिन में मंडियों में बिक रहे सोयाबीन का औसत मूल्य निकालती है। यह औसत मूल्य ही मॉडल रेट कहलाता है। जो किसान इस अवधि में सोयाबीन बेचेगा, उसे मॉडल रेट और एमएसपी के अंतर का भुगतान मिलेगा।
किसान को पैसा मिलने की शर्तें:
- किसान का पंजीकरण भावांतर/उपज पंजीकरण पोर्टल पर होना चाहिए।
- उपज किसी मान्यता प्राप्त मंडी में बेची जानी चाहिए।
- उपज की वास्तविक बिक्री पर्ची जरूरी होगी।
दूसरी अवधि के लिए नया मॉडल रेट भी आएगा
7 नवंबर से नई अवधि शुरू हो चुकी है। इस 15 दिन की बिक्री के आधार पर अगला मॉडल रेट घोषित किया जाएगा और उसके अनुसार किसानों को फिर अगले चरण की राशि मिलेगी।
क्यों जरूरी हुई यह योजना?
मध्य प्रदेश में इस बार बाजार स्थितियाँ ऐसी थीं कि सोयाबीन का भाव अक्सर एमएसपी से नीचे जा रहा था। यदि सरकार यह हस्तक्षेप नहीं करती तो किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान होता। भावांतर योजना बाजार कीमत और एमएसपी के बीच आर्थिक सुरक्षा कवच का काम करती है।
किसानों के लिए क्या बदलेगा?
- उपज बेचने का दबाव कम होगा
- किसान बाज़ार भाव गिरने पर भी नुकसान से बचेंगे
- एमएसपी का लाभ सीधे बैंक खाते में मिलेगा
- उपज व्यापार अधिक पारदर्शी होगी
FAQs (सामान्य प्रश्न)
Q1. भावांतर की राशि कब मिलेगी?
पहले चरण की राशि 13 नवंबर को डाली जाएगी।
Q2. अधिकतम लाभ कितना मिल सकता है?
किसान को प्रति क्विंटल लगभग ₹1300 तक का लाभ मिल सकता है।
Q3. क्या यह योजना सभी किसानों पर लागू है?
हाँ, जो किसान पंजीकृत हैं और मंडी में बिक्री करते हैं, उन सभी को लाभ मिलेगा।




