मध्यप्रदेश

MP SCHOOL: 17 हजार स्कूलों में मंडरा रहे खतरे के बादल, हो सकती है कार्रवाई

MP SCHOOL: 17 हजार स्कूलों में मंडरा रहे खतरे के बादल, हो सकती है कार्रवाई
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MP SCHOOL NEWS: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के लापरवाह स्कूल संचालकों पर हो सकती है कार्रवाई।

MP SCHOOL NEWS: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में संचालित स्कूलों के संचालकों की लापरवाही का उन्हे बड़ा खमियाजा भुगतना पड़ सकता है। ऐसे लगभग 17000 स्कलें की जानकारी सामने आ रही है। जिन्होने तय डेट के बाद भी पोटर्ल पर जानकारी अपलोड नही की है। जानकारी के तहत निजी स्कूलों (Private Schools) को फीस संबंधी जानकारी साइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए थे लेकिन मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की 17 हजार से अधिक स्कूलों फीस सबंधी (Fee Related) जानकारी अपलोड नहीं की है। जिससे माना जा रहा है कि जल्द ही इन स्कूलों पर कार्रवाई की जा सकती है।

कोर्ट ने दिया था समय

विभागीय सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा निजी स्कूलों को फीस सम्बंधित जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध कराने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया था। समय सीमा समाप्त हो गई, लेकिन प्रदेश के 17870 स्कूलों ने यह जानकारी शिक्षा पोर्टल पर अपलोड नहीं की है। हालांकि विभागीय अधिकारी का कहना है कि जल्द स्कूलों की तरफ से ब्यौरा अपलोड कर दिया जाएगा।

भोपाल में की गई कार्रवाई

जानकारी के तहत भोपाल (Bhopal) के जिला शिक्षा विभाग (District Education Department) के द्वारा 700 स्कूलों से अधिकन निजी स्कूलों के खिलाफ नोटिस दी जा रही है और जबाब न मिलने पर 10 हजार का जुर्माना लगाने की तैयारी की जा रही है।

यह था मामला

बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान स्कूल बंद रहने की स्थिति में निजी स्कूलों द्वारा लगातार फीस में बढ़ोतरी की जा रही थी। जिसको लेकर अभिभावकों द्वारा सवाल खड़े किए गए थे। इस पर हाईकोर्ट (High Court) में सुनवाई के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पहुंचा था। जिसके बाद उच्चतम न्यायालय (High Court) ने शिक्षा विभाग को निजी स्कूलों की फीस संबंधी ब्यौरा की जानकारी मांगने के निर्देश दिए थे और इसके लिए 4 सप्ताह का समय दिया गया था। मध्य प्रदेश में 37284 स्कूलों की सूची में अब तक केवल 19414 स्कूलों ने ही जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध करवाई है। अकेले राजधानी भोपाल में 1990 निजी स्कूल हैं। जिनमें से एक 1141 स्कूलों द्वारा ही फिर संबंधित जानकारी का ब्यौरा भेजा गया है।

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