मध्यप्रदेश

बड़ी खबर: 5 साल बाद एमपी पुलिस में SI पदों की निकलेगी बंपर भर्ती, बड़ा UPDATE आया सामने

बड़ी खबर: 5 साल बाद एमपी पुलिस में SI पदों की निकलेगी बंपर भर्ती, बड़ा UPDATE आया सामने
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MP SI Bharti News, Madhya Pradesh Sub Inspector Bharti Kab Hogi: मध्य प्रदेश पुलिस में नौकरी करने का सपना देखने वाले राज्य के लाखो युवाओं के लिए बड़ी खबर है।

MP SI Bharti News, Madhya Pradesh Sub Inspector Bharti Kab Hogi: मध्य प्रदेश पुलिस में नौकरी करने का सपना देखने वाले राज्य के लाखो युवाओं के लिए बड़ी खबर है। विधानसभा चुनाव वाले साल में पुलिस के अमले में 500 उपनिरीक्षकों की भर्ती की मंजूरी शासन की ओर से मिल सकती है।

बता दें की यह उम्मीद पुलिस मुख्यालय को जागी है। नतीजे में पुलिस मुख्यालय की ओर से एक प्रस्ताव उपनिरीक्षकों की भर्ती का शासन को भेजा गया है। इस प्रस्ताव को चुनावी साल होने के मद्देनजर मंजरी मिलने की संभावना ज्यादा हैं।

मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश पुलिस में उपनिरीक्षकों की कमी को दूर करने के लिए एक बार फिर पुलिस मुख्यालय ने प्रयास तेज किए हैं। इस बार भी 500 उपनिरीक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इस प्रस्ताव को लेकर पुलिस मुख्यालय के आला अफसरों की होम डिपार्टमेंट के अफसरों से बात हो गई है।

सूत्रों की माने तो वित्त विभाग के अफसर भी इस प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने का मन बना चुके हैं। ऐसे में चुनावी वर्ष में शासन की ओर से उपनिरीक्षकों की भर्ती की मंजूरी मिलने की संभावना ज्यादा बढ़ गई है। यदि इस साल मंजूरी मिली तो अगले साल इनकी भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।

इसलिए भी नहीं मिल रही थी मंजूरी

प्रमोशन पर रोक लगी होने के चलते कई वर्षों से उपनिरीक्षकों को भी निरीक्षक के पद पर पदोन्नति नहीं मिल पा रही है। बताया जाता है की इसके चलते इस पद पर अफसरों की कमी महसूस नहीं हो सकी। अब जब पदोन्नति दिए जाने के पुलिस मुख्यालय ने रास्ता निकाल लिया है, तब अब फिर से इस पर पर सीधी भर्ती के अफसरों की मांग आने लगी।

नहीं मिल रही कई सालों से मंजूरी

मिली जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश पुलिस में वर्ष 2016 में उपनिरीक्षकों की भर्ती की मंजूरी मिली थी। जिस पर वर्ष 2017 में उपनिरीक्षकों को भर्ती किया गया था। इसके बाद से उपनिरीक्षकों की भर्ती के प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय से शासन के पास चार-पांच बार गए. लेकिन इनमें से किसी भी प्रस्ताव को शासन ने मंजूरी नहीं दी। नतीजे में पुलिस में उपनिरीक्षकों की भर्ती नहीं हो पा रही है। इस पद पर कार्यवाहक के जरिए अधिकांश जिलों में काम चलाया जा रहा है।

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