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MP पंचायत सचिव भर्ती: सचिव और रोजगार सहायक को अब CPCT परीक्षा पास होना अनिवार्य, जिला-स्तरीय कैडर व आरक्षण का नया नियम

- पंचायत सचिव पद पर भर्ती के लिए अब CPCT कम्प्यूटर दक्षता अनिवार्य कर दी गई है।
- पद का कैडर जिलास्तर पर होगा — हर जिले में सचिवों का अपना डिस्ट्रिक्ट कैडर बनेगा।
- आरक्षण: रिज़र्व कैटेगरी में रिक्त पदों का 50% कोटा ग्राम रोजगार सहायकों के लिए सुरक्षित रखा जाएगा।
- प्रस्तावित नियमों पर एक माह के दावे-आपत्ति के बाद राज्य सरकार लागू करेगी।
भोपाल. मध्य प्रदेश पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने पंचायत सचिव पद पर नियुक्ति से जुड़े नए नियमों का प्रारूप जारी कर दिया है। इस प्रारूप के अनुसार सचिव पदों पर भर्ती के लिए उम्मीदवारों के लिए कम्प्यूटर में दक्षता (CPCT) उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा और उम्मीदवारों को हिंदी में टाइपिंग की योग्यता भी दिखानी होगी। यह बदलाव राज्य के पंचायत प्रशासन में डिजिटलीकरण और दक्षता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लाया गया है।
डिस्ट्रिक्ट-स्तर कैडर: हर जिले में होंगे सचिव
प्रस्तावित नियमों में साफ कहा गया है कि पंचायत सचिव का पद अब जिला-स्तर कैडर का होगा। जिसका मतलब यह हुआ कि प्रत्येक जिले में जितनी ग्राम पंचायतें हैं, उसी के अनुरूप वहां सचिवों का कैडर बनाया जाएगा। इस व्यवस्था से सचिवों की तैनाती और स्थानांतरण का काम जिला-स्तर पर नियंत्रित रूप से किया जा सकेगा और प्रबंधन में एकरूपता बनेगी।
डिस्ट्रिक्ट-कैडर की प्रणाली से सचिवों की रोल-आउट, प्रशिक्षण और निगरानी बेहतर तरीके से की जा सकेगी। दूसरी ओर इससे स्थानीय प्रशासन को भी मानव संसाधन का केंद्रीकृत नियोजन करने में मदद मिलेगी।
CPCT और हिंदी टाइपिंग अनिवार्य — क्यों जरूरी है यह बदलाव?
नियमों में स्पष्ट उल्लेख है कि सचिव और ग्राम रोजगार सहायक दोनों पदों के लिए उम्मीदवारों को CPCT (कम्प्यूटर की दक्षता) प्रमाणपत्र के साथ-साथ हिंदी टाइपिंग में भी योग्यता दिखानी होगी। इसका मुख्य उद्देश्य पंचायत कार्यालयों में डिजिटल रिकॉर्ड-कीपिंग, सरकारी पोर्टल पर डेटा एंट्री और ई-गवर्नेंस से जुड़े कार्यों में दक्षता लाना है।
जिले और पंचायत स्तर पर सरकारी योजनाओं की रिपोर्टिंग, वित्तीय दस्तावेज़ों का डिजिटलरण और वेब-पोर्टल पर अपलोड के कामों में CPCT प्रमाणन उपयोगी साबित होगा। साथ ही हिंदी टाइपिंग से स्थानीय भाषा में त्वरित दस्तावेज तैयार करना संभव होगा।
आरक्षण की नई व्यवस्था: ग्राम रोजगार सहायकों के लिए 50% कोटा
नए प्रारूप के अनुसार, सचिवों के कुल रिक्त पदों में से हर रिज़र्वेड कैटेगरी के रिक्त पदों का 50 प्रतिशत कोटा उन ग्राम रोजगार सहायकों के लिए आरक्षित रखा जाएगा जिन्होंने संबंधित कैटेगरी के अंतर्गत पात्रता पूरी की हो। यह कदम स्थानीय करियर-प्रमोशन तथा अनुभवियों को स्थायी पद देने के मद्देनज़र है।
प्रस्तावित नियमों में यह भी कहा गया है कि वह ग्राम रोजगार सहायक जो कम-से-कम पाँच साल की सेवा पूर्ण कर चुके हों और सचिव पद के लिए निर्धारित मापदण्डों को पूरा करते हों, वे इस आरक्षित कोटे के तहत भर्ती के लिए पात्र माने जाएंगे। इससे ग्राम-स्तर के अनुभवी स्टाफ को आगे बढ़ने का मार्ग खुलेगा।
दो-बच्चों की शर्त और पात्रता में शिथिलता
प्रस्तावित नियमों में एक प्रावधान यह भी है कि सचिव के पद के लिए वह व्यक्ति पात्र नहीं होगा जिसकी दो से अधिक जीवित संतान हों और उन संतान में से किसी का जन्म 26 जनवरी 2001 या उसके बाद हुआ हो। इस नियम का उद्देश्य जनसंख्या नियंत्रण से जुड़े नीति-लक्ष्य को पदों पर लागू करना बताया गया है।
कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया
नियुक्ति प्रक्रिया का भार कर्मचारी चयन मंडल को दिया जाएगा। प्रस्तावित प्रक्रिया के अनुसार, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रत्येक वर्ष की 1 जनवरी की स्थिति के अनुसार अपने जिले में सचिवों के रिक्त पदों की जानकारी, रोस्टर और श्रेणी-आधारित वितरण के अनुसार संचालनालय को भेजेंगे। यह जानकारी कर्मचारी चयन मंडल को भेजी जाएगी और मंडल पात्रता परीक्षा आयोजित करेगा।
इस व्यवस्था से भर्ती में पारदर्शिता बढ़ेगी और एक केंद्रित परीक्षा एवं रोस्टर प्रणाली के जरिए रिक्तियों की भरती का काम तटस्थ तरीके से होगा। चयन के बाद हर सचिव की सेवा पुस्तिका और पर्सनल सर्विस रिकॉर्ड जनपद पंचायत कार्यालय में रखे जाने का भी प्रावधान है।
नियमों का प्रारूप जारी — एक माह के दावे-आपत्तियाँ और फिर लागू
विभाग ने नियमों का प्रारूप जारी कर दिया है और कहा है कि एक माह के लिए दावे-आपत्तियाँ आमंत्रित की जाएँगी। इससे कर्मचारी संगठन और अन्य हितधारक अपने सुझाव व आपत्तियाँ रख सकेंगे। एक माह की प्रक्रिया के बाद आवश्यक संशोधन के साथ नियमों को राज्य सरकार लागू करेगी।
प्रभाव और चुनौतियाँ — क्या हैं प्रमुख मुद्दे?
- CPCT की उपलब्धता ग्रामीण उम्मीदवारों के लिए चुनौती होगी।
- दो-बच्चों की शर्त सामाजिक और कानूनी बहस का विषय बन सकती है।
- जिला-स्तर कैडर होने से कुछ जिलों में स्टाफिंग असंतुलन की स्थिति बन सकती है।
- कर्मचारी चयन मंडल की प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी करना आवश्यक होगा।
क्या ग्राम रोजगार सहायकों के लिए यह बड़ा अवसर है?
जो ग्राम रोजगार सहायक पाँच वर्ष सेवा पूरा कर चुके हैं और सचिव के लिए तय मापदण्डों को पूरा करते हैं, उनके लिए यह बड़ा अवसर है। 50% आरक्षण उन्हें स्थायी पदों पर आगे बढ़ने का रास्ता देगा और इससे पंचायत स्तर पर सेवाओं की निरंतरता बढ़ेगी।
FAQs — पंचायत सचिव भर्ती नियम
1. क्या पंचायत सचिव बनने के लिए CPCT अनिवार्य है?
हाँ, नए नियमों के अनुसार सचिव और ग्राम रोजगार सहायक दोनों के लिए CPCT अनिवार्य है।
2. जिला-स्तर कैडर क्या है?
जिला-स्तर कैडर का मतलब है कि सचिवों का कैडर जिला-स्तर पर संचालित होगा।
3. ग्राम रोजगार सहायक कैसे पात्र होंगे?
जो सहायक 5 वर्ष सेवा पूर्ण कर चुके हों और मापदण्ड पूरे करते हों वे पात्र होंगे।
4. दो-बच्चों की शर्त क्या है?
जिस व्यक्ति की दो से अधिक जीवित संतान हों और किसी का जन्म 26 जनवरी 2001 के बाद हुआ हो, वह पात्र नहीं होगा।
5. भर्ती कौन करेगा?
भर्ती कर्मचारी चयन मंडल (ESB) द्वारा की जाएगी।
Rewa Riyasat News
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