मध्यप्रदेश

MP Monsoon 2023 Date: मध्यप्रदेश में मानसून कब आएगा? आ गई Latest Update

MP Monsoon 2023 Date
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MP Monsoon 2023 Date

Monsoon in Madhya Pradesh, Monsoon In MP: धीरे धीरे कर हम वर्ष 2023 के बरसात के मौसम (Monsoon 2023) की ओर बढ़ रहे हैं।

Monsoon in Madhya Pradesh, MP Monsoon 2023 Date, मानसून कब आएगा: धीरे धीरे कर हम वर्ष 2023 के बरसात के मौसम (Monsoon 2023) की ओर बढ़ रहे हैं। गांव के लोग गर्मी का रुख देखकर बारिश का अंदाजा लगा लिया करते थे। आज भी वही स्थिति है। मौसम वैज्ञानिक गर्मी नमी और मौसम में व्याप्त आद्रता आदि आकडे़ इकट्ठा कर मौसम की भविष्यवाणी या कहीं मानसून की भविष्यवाणी कर देते है। वर्तमान समय में अप्रैल और मई के महीने में मौसम (Madhya Pradesh Monsoon Date)के हाल को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस वर्ष मानसून समय पर आएगा या नहीं इस पर संशय बरकरार है।

क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक MP Me Monsoon 2023 Kab se Shuru Hoga, Madhya Pradesh Me Monsoon 2023 Kab se Shuru Hoga

मध्य प्रदेश में मानसून समय पर आएगा या नहीं अगर इस पर मौसम वैज्ञानिकों की राय ले तो पता चलता है कि पश्चिम मानसून का प्रदेश में आगामी समय से पिछड़ सकता है। इसकी मुख्य वजह है अरब सागर में उठा बिपरजॉय तूफान, इस तूफ़ान ने मानसून का रास्ता रोक रखा था, फिलहाल तूफ़ान अब पकिस्तान की तरफ बढ़ गया है और मानसून 8 जून को केरल में प्रवेश कर चुका है। जबकि केरल में मानसून सबसे पहले (1 जून) दस्तक देता है, जो हफ्ते भर देरी से आया है। इसके बाद अन्य राज्यों में मानसून दस्तक देता है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो मध्यप्रदेश में इस बार मानसून 20 जून तक प्रवेश कर सकता है। जबकि एमपी में मानसून 15 जून तक आ जाता था। साथ ही वैज्ञानिकों ने अच्छी बारिश की संभावना भी जताई है।

क्या है कारण Monsoon Start Date In MP, Monsoon Start Date In Madhya Pradesh

मानसून पिछड़ने का क्या कारण है इस पर भी वैज्ञानिकों का अपना तर्क है उनका कहना है कि गर्मी के सीजन में अपेक्षाकृत तापमान में वृद्धि नहीं हुई है। सतीश तेज न होने के कारण मानसून की तीव्रता प्रभावित हो रही है। अप्रैल और मई के महीने में जहां जोरदार गर्मी पड़ती थी वहां बाद में बारिश का दौर शुरू हो जाता है।

किसान बरतें सावधानी

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसून की स्थिति को देखते हुए किसानों को सावधानी बरतने की जरूरत है। अगर किसान सावधानी नहीं बरतते हैं तो उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। बताया गया है कि जब तक मानसून की बारिश से जमीन के अंदर 6 से 8 इंच तक नमी नहीं पहुंच जाती तब तक बोनी करना उपयुक्त नहीं है।

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