मध्यप्रदेश

एमपी: प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र विहीन गांवों के फिरेंगे दिन, MBBS छात्र गांव को लेगें गोद

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राष्ट्रीय मेडिकल कमीशन ने अंडर ग्रेजुएट मेडिकल प्रोग्राम के तहत कई बदलवान किये हैं।

राष्ट्रीय मेडिकल कमीशन ने अंडर ग्रेजुएट मेडिकल प्रोग्राम के तहत कई बदलवान किये हैं। इस बादलाव का परिणाम यह होगा कि अब स्वास्थ्य के क्षेत्र में गांवों के दिन बदलने वाले हैं। नये नियम के मुताबिक एमबीबीएस की पढ़ाई के शुरूआत में महर्षि चरक शपथ लिया जायेगा। साथ ही छात्रों को गांव को गोद लेना हेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि गावों में स्वास्थ्य के बेहतर इंतजाम होंगे।

दिलाई जायेगी शपथ

एनएससी के नये नियम के मुताबिक अब मेडिकल के पढ़ाई के लिए एडमीशन लेने वाले एमबीबीएस छात्रों को महर्षि चरक थपथ दिलवाई जायेगी। छात्रों को निःस्वार्थ भाव से रोगियों की सेवा करने का संकल्प लेना होगा। तो वहीं नई योग्यता आधारित मेडिकल की पढ़ाई में तीन प्रमुख क्षेत्रों को शामिल किया गया है। जिसमें संज्ञानात्मक, प्रभावशाली और मनोप्रेरणा से सम्बंधित शिक्षा दी जायेगी। माना जाता है कि इस नये परिर्वतन के साथ तैयार होने वाले चिकित्सक बेहतर चिकित्सा सेवा देने में समर्थ होंगे।

आधार कोर्स की शुरूआत

जानकारी के अनुसार अगस्त 2019 में मेडिकल छात्रों के लिए नया सिलेबस आधार कोर्स शामिल करने की सिफारिस की गई। इस कोर्स के लागू होने से छात्रों को योग, ध्यान और स्थानीय भाषा सिखाया जायेगा। जो उनको पढ़ाई पूरी करने के बाद पेशे में आने पर सहयोगी सिद्ध होगें। पता चलता है कि राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के सभी मेडिकल की पढ़ाई में शामिल करने के लिए आदेश दिया गया है।

प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र विहीन गावों को यह सुविधा मिलेगी। कहा गया है। एमबीबीएस के छात्र उन्ही गांवों को गोद ले सकेंगे जिन गांवों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नही है। ऐसे मे माना जा रहा है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र अति पिछडे गांवों के दिन भी फिरने वाले हैं।

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

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