मध्यप्रदेश

MP HIGH COURT: केस की सुनवाई अब लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए OTT प्लेटफार्म पर होगी, इसके वीडियो डाउनलोड और शेयर करने पर जेल तक की सजा

MP HIGH COURT: केस की सुनवाई अब लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए OTT प्लेटफार्म पर होगी, इसके वीडियो डाउनलोड और शेयर करने पर जेल तक की सजा
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एमपी हाई कोर्ट में केस की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की सुविधा अगले महीने से शुरू हो सकती है. इसके लिए कोई ऐप डाउनलोड नहीं करना पड़ेगा, वेबसाइट पर ही प्रसारण होगा.

ग्वालियर. मप्र हाई कोर्ट आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में एक और उपलब्धि हासिल करने जा रहा है. अभी आप हाई कोर्ट की सुनवाई का सीधा प्रसारण यू-ट्यूब के जरिए देखते हैं. लेकिन, 'क्लास' के जरिए कोर्ट की सुनवाई लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए देख देखेंगे. क्लास हाई कोर्ट का ओटीटी प्लेटफॉर्म है. इसका पूरा नाम Courtroom Live Audio Video Streaming System (CLASS) है.

खास बात यह है कि वकीलों और आमजन को इसे डाउनलोड नहीं करना पड़ेगा. हाई कोर्ट की वेबसाइट पर बताए निर्देशों का पालन करते हुए कोई भी इसके जरिए सुनवाई देख सकेगा. इसकी शुरुआत के बाद हाई कोर्ट की सुनवाई की क्लिपिंग सोशल मीडिया पर शेयर करना अपराध की श्रेणी में आएगा.

अभी यू-ट्यूब की कॉपीराइट पॉलिसी और हाई कोर्ट की नियमावली में अंतर के चलते ऐसे मामलों में प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही. क्लास के अस्तित्व में आते ही हाई कोर्ट के नियम इतने प्रभावी हो जाएंगे कि अवहेलना करने वाले व्यक्ति को जेल जाने तक की नौबत आ जाएगी.

अभी 10 मिनट पीछे चलता है प्रसारण, रियल टाइम करने की योजना

मध्यप्रदेश हाई कोर्ट लाइव स्ट्रीमिंग रूल्स फॉर कोर्ट प्रोसीडिंग्स- 2021 में बदलाव करने जा रहा है. जानकारी के अनुसार, मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने इस संबंध में दिल्ली, इलाहाबाद और कर्नाटक हाई कोर्ट के नियमों की स्टडी की है. सुप्रीम कोर्ट ने भी मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट भेजा है.

इनके अध्ययन के बाद ही बदलाव की रूपरेखा तय होगी. उदाहरण के लिए वर्तमान में लाइव स्ट्रीमिंग में जो वीडियो का प्रसारण होता है, वह 10 मिनट पीछे चलता है. भविष्य में इसे रियल टाइम करने की प्लानिंग है.

नियमों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को विस्तार से कर रहे परिभाषित

मप्र हाई कोर्ट ने जो ओटीटी प्लेटफॉर्म तैयार किया है, यदि योजनाबद्ध तरीके से चला तो अगस्त में शुरुआत हो सकती है. नियमों में संशोधन से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को विस्तार से परिभाषित किया जाएगा. भविष्य में किसी ने सुनवाई की क्लिपिंग सोशल मीडिया सहित अन्य प्लेटफॉर्म पर शेयर की तो लाइव स्ट्रीमिंग रूल्स फॉर कोर्ट प्रोसीडिंग्स- 2021 के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई होगी.

- कुलदीप सिंह, चीफ सिस्टम एनालिस्ट, मप्र हाईकोर्ट

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