मध्यप्रदेश

MP CM कमलनाथ का नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को जवाब: 73 दिन में 85 वचन पूरे किए

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:07 AM GMT
MP CM कमलनाथ का नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को जवाब: 73 दिन में 85 वचन पूरे किए
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भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को पत्र लिखकर बताया है कि आचार संहिता लगने से पहले 73 दिन में वे 85 वचन पूरे कर चुके हैं। हालांकि इस पत्र के जवाब में भार्गव ने फि‍र से कमलनाथ को पत्र लिखकर मीडिया के लिए जारी कर दिया है।

अपने पत्र में कमलनाथ ने कहा कि आपने तथ्यों की जानकारी के बिना, अनुमान और कल्पना के आधार पर राज्यपाल को पत्र लिखा है। विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के अनुरोध पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने लिखा कि लोकसभा चुनाव की व्यस्तताओं के कारण आप नागरिकों से जुड़ी सेवाओं, उनकी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे पाए होंगे। आपकी अनभिज्ञता को देखते हुए वे 17 दिसंबर 2018 के बाद कांग्रेस सरकार के जनकल्याण के विषयों के कामों के बारे में वस्तुस्थिति बता रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि हमारी सरकार ने 73 दिन के दौरान आपकी सरकार द्वारा छोड़े गए खाली खजाने के बावजूद सबसे महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए 21 लाख से अधिक किसानों के फसल ऋण माफ किए हैं। गेहूं और चने के उपार्जन व भुगतान के संबंध में आपके द्वारा भ्रमित करने का प्रयास किया गया है। सरकार ने 11.06 लाख किसानों से 68 लाख टन से ज्यादा गेहूं, चना, मसूर व सरसों का उपार्जन किया है। किसानों के खातों में सात दिन के भीतर भुगतान की राशि भी पहुंच रही है।

नाथ के तीन पेज के पत्र में संबल और अन्य योजनाओं के बारे में बताया गया है कि उनका निरंतर लाभ लोगों को मिल रहा है। एक अप्रैल 2018 से 30 दिसंबर 2018 तक 31 हजार 991 प्रकरणों में 349.68 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी। वहीं एक जनवरी 2019 से 30 अप्रैल 2019 तक 46 हजार 509 प्रकरणों में 463.06 करोड़ रुपए की राशि दी जा चुकी है।

मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष भार्गव को बताया है कि इस योजना का लाभ गृह क्षेत्र की नगर पंचायत गढ़ाकोटा व जनपद रहली में भी हितग्राहियों को मिला है। पेयजल तथा कानून व्यवस्था की स्थिति पर उठाए गए सवाल का भी पत्र में जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि पेयजल के लिए हर संभव नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल परिवहन के लिए आवश्यक राशि उपलब्ध कराई गई है। पेयजल संकट की स्थित पर कहा कि इस वर्ष अल्प वर्षा के कारण यह स्थिति बनी है, लेकिन इसके लिए उन्होंने 15 साल में कारगर योजनाएं नहीं बनाए जाने को कारण बताया है।

भार्गव का जवाब- मेरे पत्र को राजनीतिक नजरिए से मत देखिए नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के पत्र का जवाब देते हुए उनसे अनुरोध किया है कि विधानसभा सत्र बुलाने के उनके राज्यपाल को लिखे पत्र को राजनीतिक नजरिए से न देखकर जन समस्याओं को उठाने एवं हल कराने के सार्थक दृष्टिकोण से देखें।

भार्गव ने अपने पत्र में लिखा कि जिन मुद्दों पर मैने विधानसभा सत्र बुलाए जाने की मांग की थी, उसके बारे में आपने सतही तरीके से जानकारी देकर विषयों की गंभीरता को कम करने का प्रयास किया है।

भार्गव ने कहा कि प्रदेश में समस्याएं इतनी विकराल हैं कि आप अपने दो पेज के माध्यम से इनका उत्तर नहीं दे सकते। चर्चा व्यापक हो, प्रश्न उत्तर, ध्यानाकर्षण, स्थगन के माध्यम से सभी पक्षों के विधायक चर्चा में भाग ले सकें, इसके लिए लोकतंत्र में विधानसभा ही एकमात्र उचित और सक्षम माध्यम है।

कमलनाथ के जवाब के बाद भार्गव ने यह पत्र लिखा है।

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