मध्यप्रदेश

MP विधानसभा चुनाव 2023: मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में 17 नवंबर को मतदान, 3 दिसंबर को परिणाम

MP Assembly Elections 2023
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एमपी में एक चरण में वोटिंग 17 नवंबर को होंगे। परिणाम 3 दिसंबर को आएंगे।

MP Assembly Elections 2023: चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश समेत 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के मतदान और परिणाम की तारीख जारी कर दिए हैं। एमपी में एक चरण में वोटिंग 17 नवंबर को होंगे। परिणाम 3 दिसंबर को आएंगे।

MP Assembly Elections 2023: चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश समेत 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के मतदान और परिणाम की तारीख जारी कर दिए हैं। एमपी में एक चरण में वोटिंग 17 नवंबर को होंगे। परिणाम 3 दिसंबर को आएंगे। राज्य के 230 सीटों में विधानसभा चुनाव होने हैं। सूबे के 5,60,60,925 मतदाता 17 नवंबर को अपना फैसला EVM में कैद करेंगे।

चुनाव आयोग ने जो आंकड़े जारी किए हैं, उसके अनुसार मध्य प्रदेश में कुल 5,60,60,925 मतदाता इस बार मतदान में भाग लेंगे। इनमें 2.88 करोड़ पुरुष और 2.72 करोड़ महिला मतदाता हैं। 22.36 लाख मतदाता पहली बार मताधिकार का उपयोग करने जा रहें हैं।

मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में मतदान होने हैं। छत्तीसगढ़ में 2 चरणों में वोटिंग होगी जबकि अन्य राज्यों में एक ही चरण में मतदान प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी। लेकिन सभी के परिणाम 3 दिसंबर को एक साथ जारी होंगे। इन राज्यों में लोकसभा चुनाव के करीब 4-5 माह पहले विधानसभा चुनाव होते हैं। ऐसे में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले ये विधानसभा चुनाव लिटमस टेस्ट माने जा रहे हैं।

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 की तस्वीर

साल 2018 में मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे का मुक़ाबला हुआ था। काउंटिंग की देर शाम तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई थी कि सरकार किसकी बननी है, लेकिन अंतिम दौर के नतीजों में सीटों के लिहाज से कांग्रेस आगे रही तो वोट शेयर के मामले में भाजपा। 2018 में 75.2 फीसद वोट मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में पड़े थे। भाजपा को 41.6 फीसद वोट मिले थे, लेकिन 230 सीटों में से भाजपा 109 सीटे जीत पाई और बहुमत से दूर हो गई।

इसी चुनाव में 2013 में विपक्ष में रही कांग्रेस को 41.5 फीसदी वोट मिले थे। बहुमत के लिए 116 का आंकड़ा जरूरी था, लेकिन कांग्रेस को भी स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं हो पाया। 114 सीटों पर जाकर मामला रुक गया। भाजपा के मुक़ाबले पॉइंट एक फीसद वोट शेयर कम होने के बावजूद भी कांग्रेस भाजपा से 5 अधिक सीट जीत चुकी थी। बहुजन समाज पार्टी को दो सीटों पर जीत मिली जबकि एक सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई। इसी चुनाव में 4 सीटों पर निर्दलीय विधायक भी जीत का परचम लहराकर विधानसभा पहुंचे।

2023 में कितनी अलग है तस्वीर

2018 में ऐन केन प्रकारेन कांग्रेस ने सरकार तो बना ली। लेकिन यह सरकार डेढ़ माह तक ही सत्ता पर रह पाई। कांग्रेस विधायकों के बगावत की वजह से कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई। भाजपा 2018 में भी सत्ताधारी दल के तौर पर चुनाव में उतरी थी और अब 2023 में फिर से सत्ताधारी भाजपा ही चुनावी मैदान में है।

2018 में दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य कांग्रेस में थे। अब वे भाजपा में हैं। उनके साथ कई नेता भाजपा में आए थे, उनमें से कई वापस कांग्रेस में भी चले गए। लेकिन ज्योतिरादित्य अब भाजपाई हैं। पूर्व सीएम कैलाश जोशी के बेटे और तीन बार के विधायक दीपक जोशी, पूर्व विधायक कुँवर ध्रुव प्रताप सिंह, राधेलाल बघेल समेत दो दर्जन से अधिक नेता कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। भाजपा ने 79 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिसमें नरेंद्र तोमर, प्रह्लाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते जैसे केन्द्रीय मंत्रियों और सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारा है। 2023 में एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है। लेकिन इस चुनाव में अब आम आदमी पार्टी भी एंट्री मार चुकी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई दिग्गज भाजपा नेता चुनावी मैदान में ज़ोर आजमाइश कर रहें हैं तो वहीं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी से लेकर कांग्रेस के दिग्गज मध्य प्रदेश में वापस कांग्रेस को सत्ता दिलाने के भरसक प्रयास में जुटे हुए हैं। इधर, सपा की तरफ से अखिलेश यादव, आप के केजरीवाल और भगवंत मान भी ताबड़तोड़ रैलियाँ कर रहें हैं। अब इसका कितना इफेक्ट होता है, ये तो चुनाव के नतीजे आने के बाद ही पता चल पाएगा।

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