मध्यप्रदेश

एमपी की एक ऐसी मां जिन्होंने 18 अनाथ बेटियों की धूमधाम से करवाई शादी

Sanjay Patel
14 May 2023 9:59 AM GMT
एमपी की एक ऐसी मां जिन्होंने 18 अनाथ बेटियों की धूमधाम से करवाई शादी
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MP News: एमपी के सागर अंतर्गत रजाखेड़ी में 33 वर्ष पूर्व संजीवनी बाल आश्रम की शुरुआत की थी। उस दौरान आश्रम के किराए के कमरे में 4 अनाथ बच्चे थे। वर्तमान में इस आश्रम में 53 बच्चे रह रहे हैं।

एमपी के सागर अंतर्गत रजाखेड़ी में 33 वर्ष पूर्व संजीवनी बाल आश्रम की शुरुआत की थी। उस दौरान आश्रम के किराए के कमरे में 4 अनाथ बच्चे थे। वर्तमान में इस आश्रम में 53 बच्चे रह रहे हैं। इन बच्चों की मां आश्रम की संचालिका प्रतिमा अरजरिया हैं जो अब तक आश्रम की 18 बेटियों का विवाह करा चुकी हैं। यह बेटियां अब अपना सुखी दाम्पत्य जीवन व्यतीत कर रही हैं।

अनाथ बच्चों के साथ रम गईं

सागर जिले के प्रभाकर नगर मकरोनिया निवासी आश्रम की संचालिका प्रतिमा अरजरिया के मुताबिक उनकी सास सत्यभामा अरजरिया द्वारा रजाखेड़ी में वर्ष 1990 में संजीवनी बाल आश्रम की शुरुआत की थी। वह भी अनाथ बच्चों के लिए कुछ करना चाहती थीं। ऐसे में उन्होंने किराये से कमरा लेकर अनाथ आश्रम प्रारंभ कर दिया। सास के साथ वही आश्रम का कार्य देखने लगीं। समय बीतने के साथ अनाथ बच्चों के साथ ऐसा लगाव जुड़ा कि वह उनके साथ रम गईं। वर्ष 2007 में सास का निधन हो जाने के कारण उन्होंने आश्रम की कमान संभाली। शुरुआत में उन्हें परेशानी हुई जिससे बाद उन्होंने अपने पति को भी आश्रम में बुला लिया। आश्रम का बच्चों से भरा परिवार देखकर वह भी यहीं रहने लगे। आश्रम के सभी बच्चे प्रतिमा अरजरिया को छोटी मां कहकर पुकारते हैं।

18 बेटियों की कराई शादी

समाजसेवियों की मदद से आश्रम की 18 बेटियों की शादियां अब तक करवाई जा चुकी हैं। यहां गौर करने वाली बात यह है कि 17 बेटियों का विवाह सागर जिले के ही आसपास के इलाकों में हुआ है जबकि एक बेटी का विवाह इंदौर में हुआ है। सबसे ज्यादा बेटियों का विवाह बंडा विकासखंड में हुआ है। इसके साथ ही सागर शहरी क्षेत्र व रहली में भी बेटियों की शादी हुई हैं। बेटियों के लिए रिश्ते ढूंढ़ने का कार्य माता-पिता की तरह ही करना पड़ता है। अच्छा परिवार मिलने के बाद पहले कोर्ट में रजिस्टर्ड मैरिज कराई जाती है। सर्टिफिकेट मिलने के बाद हिंदू रीति रिवाज और धूमधाम से साथ आश्रम से ही विवाह कराया जाता है। जिन बेटियों की शादी कराई जा चुकी हैं वह भी त्योहार के अवसर पर आश्रम आती-जाती रहती हैं।

एक माह की लावारिस बच्ची को मां की तरह दी ममता

आश्रम की संचालिका प्रतिमा अरजरिया के मुताबिक एक माह की बच्ची 19 वर्ष पूर्व लावारिस मिली थी। जिसे आश्रम लाया गया। जिसको उन्होंने मां की तरह ममता देकर पालन पोषण किया। 19 वर्ष होने के बाद उसकी शादी करवाई। इसी तरह 3 वर्ष की बेटी पुलिस को मिली थी। जिसको भी काफी संघर्ष कर उसका पालन पोषण किया गया। 12वीं तक शिक्षा दिलवाई गई। जिसका विवाह भी करवाया गया। अब तक आश्रम से 18 बेटियों की शादी करवाई जा चुकी हैं।

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