मध्यप्रदेश

MP में मातृभाषा में होगी मेडिकल की पढ़ाई: 97 चिकित्सकों ने 4 माह में तैयार कर डाली MBBS की किताबें, कल शाह करेंगे लॉन्च

MP में मातृभाषा में होगी मेडिकल की पढ़ाई, 97 चिकित्सकों ने 4 माह में तैयार कर डाली MBBS की किताबें, कल शाह करेंगे लॉन्च
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MP में मातृभाषा में होगी मेडिकल की पढ़ाई: 97 चिकित्सकों ने 4 माह में तैयार कर डाली MBBS की किताबें, कल शाह करेंगे लॉन्च 

यूक्रेन, रूस, जापान, चीन किर्गिजस्तान और फिलीपींस जैसे देशों में मेडिकल की पढ़ाई उन देशों की भाषा में होती है. इसी तरह मध्यप्रदेश सरकार भी राज्य में MBBS की पढ़ाई मातृभाषा हिंदी में शुरू करने जा रही है. कल अमित शाह मेडिकल की हिंदी बुक्स की लॉन्चिंग करेंगे.

MBBS in Hindi Language: यूक्रेन, रूस, जापान, चीन किर्गिजस्तान और फिलीपींस जैसे देशों में मेडिकल की पढ़ाई उन देशों की भाषा में होती है. इसी तरह मध्यप्रदेश सरकार भी राज्य में MBBS की पढ़ाई मातृभाषा हिंदी में शुरू करने जा रही है. MBBS की बुक्स को 97 चिकित्सकों ने महज 4 माह में दिन रात मेहनत कर अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद कर तैयार किया है, जिससे आसानी से अपनी मातृभाषा में मेडिकल के छात्र पढाई कर सकें. रविवार यानी 16 अक्टूबर को लाल परेड ग्राउंड में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इन किताबों को लॉन्च करेंगे.

पूरे प्रोजेक्ट को मंदार नाम दिया

मप्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि मप्र के मेडिकल कॉलेजों के प्रोफेसर और हिन्दी के जानकारों ने MBBS फर्स्ट ईयर की किताबों का ट्रांसलेटेड वर्जन तैयार किया है. इस पूरे प्रोजेक्ट को मंदार नाम दिया गया है. मंदार नाम रखने के पीछे ये विचार था कि जिस प्रकार समुद्र मंथन में मंदार पर्वत के सहारे अमृत निकाला गया था. उसी प्रकार से अंग्रेजी की किताबों का हिन्दी में अनुवाद किया गया है.

मंत्री सारंग ने बताया, मंदार में शामिल डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने विचार मंथन करके किताबें तैयार की हैं. मंत्री सारंग ने कहा मुझे खुशी है कि दुनिया के उन देशों में अब भारत भी शामिल हो गया है जो अपनी मातृभाषा में मेडिकल की पढ़ाई कराते हैं. इसकी शुरुआत मप्र से हो रही है.



चार महीने में ऐसे पूरा हुआ टास्क

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह काम चिकित्सा शिक्षा विभाग को दिया था. हमने 97 डॉक्टरों के साथ कम्प्यूटर ऑपरेटर्स की टीम बनाई. इस टीम ने 24 घंटे सातों दिन लगकर MBBS फर्स्ट ईयर की तीन किताबों का हिन्दी में अनुवाद तैयार किया. इस पूरी प्रक्रिया में तकनीकी पहलुओं और छात्रों के भविष्य की चुनौतियों का भी ख्याल रखा गया है. इन किताबों को इस प्रकार अनुवादित कर तैयार किया गया है, जिसमें शब्द के मायने हिन्दी में ऐसे न बदल जाएं कि उसे समझना मुश्किल लगे.

जैसे- 'स्पाइन' को सभी समझते हैं, उसे हिन्दी अनुवाद में 'मेरूदंड' नहीं लिखा गया, बल्कि किताबों को ऐसे अनुवाद में तैयार किया गया है, जिसे ग्रामीण क्षेत्र से हिन्दी में पढ़ाई कर MBBS में दाखिला लेने वाले छात्र आसानी से पढ़ और समझ सकें. MBBS फर्स्ट ईयर की तीन किताबें बायोकेमिस्ट्री, फिजियोलॉजी और एनाटॉमी की किताबों को देवनागरी लिपि में तैयार किया. जिनके हिन्दी में शब्द उपलब्ध नहीं हैं, उन्हें देवनागरी में लिखा है.

मप्र के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में होगी शुरुआत

मंत्री विश्वास सारंग ने बताया पहले हमने ये विचार बनाया था कि हम भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज से इसकी शुरुआत करेंगे, लेकिन अब किताबें पर्याप्त मात्रा में तैयार हो गई हैं. अब प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में हिन्दी में MBBS की पढ़ाई शुरू हो रही है. हमारी कोशिश है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में भी हिन्दी में MBBS की पढ़ाई शुरू हो.

मेडिकल फील्ड के 50 हजार स्टूडेंट्स होंगे शामिल

भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर रविवार 16 अक्टूबर को अमित शाह हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई की अनुवादित किताबों का विमोचन करेंगे. इस कार्यक्रम से 50 हजार मेडिकल फील्ड के स्टूडेंट्स जुड़ेंगे. भोपाल के सरकारी, प्राइवेट मेडिकल, नर्सिंग, पैरामेडिकल कॉलेजों के छात्र शामिल होंगे. दूसरे शहरों के मेडिकल स्टूडेंट्स वर्चुअल इस कार्यक्रम से जुडे़ेंगे.

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