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Madhya Pradesh में बिना कारण बिजली काटी तो आपराधिक कार्रवाई करें: मुख्य सचिव
भोपाल। सरप्लस बिजली होने के बाद भी अघोषित कटौती को लेकर सरकार ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती ने शनिवार को कलेक्टरों के साथ इस मुद्दे पर वीडियो कॉन्फ्रेंस कर समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि बिजली कटौती में शरारत हो रही है। जानबूझकर सबोटेज किया जा रहा है। जबलपुर, हरदा, बालाघाट, राजगढ़, विदिशा और खंडवा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली दो-दो घंटे साजिशन बंद रखी जा रही है। उन्होंने दो-टूक निर्देश दिए कि खुफिया तंत्र सक्रिय करें। राजस्व सहित अन्य अमले को लगाएं। जरूरत पड़ी तो हम एस्मा (अत्यावश्यक सेवा कानून) भी लगा देंगे।
मुख्य सचिव ने कलेक्टरों से कहा कि प्रदेश में तीन हजार 600 बिजली सब स्टेशन हैं। शहरी क्षेत्रों में तो निगरानी चौकस रहती है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी तंत्र कमजोर है। हमें जानकारी मिली है कि जबलपुर, हरदा, बालाघाट, राजगढ़, विदिशा और खंडवा जिलों में शरारतपूर्वक बिजली बंद रखी जा रही है।
राजगढ़ के खिलचीपुर और जबलपुर के पाटन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि शेड्यूल न होने के बावजूद बिजली स्थानीय स्तर पर काटी गई। इस तरह की हरकत को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बिजली आपूर्ति हर हाल में सुनिश्चित होनी चाहिए। तकनीकी समस्या या फाल्ट को छोड़कर बिजली कटती है तो पड़ताल करके दोषी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाए। इसमें किसी प्रकार की कोताही बरतने की जरूरत नहीं है।
जरूरत पड़ने पर बिजली आपूर्ति व्यवस्था को बहाल रखने के लिए एस्मा भी लगाया जा सकता है। मुख्य सचिव ने कलेक्टरों से कहा कि हम यह नहीं सुनेंगे कि बालाघाट या किसी अन्य जिले में बिजली की समस्या है। कौन से विकासखंड और गांव में समस्या है, उसे पता करके समाधान करें।
दस फीसदी आपूर्ति बढ़ी
बैठक में मुख्य सचिव ने बताया गया कि पिछले साल की तुलना में दस प्रतिशत बिजली आपूर्ति बढ़ी है। 14 से 17 अप्रैल के बीच जो आंधी व तूफान आया, उससे आपूर्ति प्रभावित हुई थी। आपूर्ति आठ हजार मेगावॉट से गिरकर पांच हजार मेगावॉट पर आ गई थी। तीन दिन में ही बिजली कंपनियों के कर्मचारियों ने स्थिति को सुधार लिया और आपूर्ति शनिवार को साढ़े आठ हजार मेगावॉट हो गई।
317 बर्खास्त, 142 निलंबित
बैठक में बताया गया कि अघोषित बिजली कटौती को लेकर अब तक 317 ठेका कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा चुका है। वहीं, बिजली कपंनियों के 142 इंजीनियर और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। 28 को कारण बताओ नोटिस थमाए गए हैं।